केंद्र सरकार ने किसानों को आयकर में छूट खत्म करने से किया इन्कार
बड़े और अमीर किसानों को आयकर में मिली छूट खत्म करने के संवेदनशील मामले से केंद्र सरकार पल्ला झाड़ लिया है। उसने कहा है कि सिर्फ राज्य सरकार ही कृषि से आय पर कर लगाने में सक्षम है।
जेएनएन, चंडीगढ़। बड़े और अमीर किसानों को आयकर में मिली छूट खत्म करने के संवेदनशील मामले से पल्ला झाड़ते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि सिर्फ राज्य सरकार ही कृषि से होने वाली आय पर कर लगाने में सक्षम है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र ने कहा है कि संविधान के तहत केंद्र सरकार कृषि से होने वाली आय पर सीधे आयकर नहीं लगा सकती।
बड़े और अमीर किसानों को आयकर से मिली छूट खत्म करने के संबंध में हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले की सुनवाई के दौरान इनकम टैक्स (हेडक्वार्टर) (जुडिशियल) के डिप्टी कमिश्नर विवेक वर्धन द्वारा दिए गए जवाब में कहा गया है कि कृषि आय पर कर लगाने का विषय संविधान की स्टेट लिस्ट की एंट्री 46 में शामिल है, इसलिए राज्य सरकार ही कृषि से होने वाली आय पर कर लगाने का कानून बना सकती है।
टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन रिफार्म्स कमीशन (टीएआर सी) की तीसरी रिपोर्ट का हवाला देते हुए वर्धन ने अपने हलफनामे में कहा है कि केंद्र सरकार सिर्फ तभी कृषि से होने वाली आय पर कर लगा सकती है अगर राज्य सरकार संविधान की धारा 252 के तहत इस संबंध में प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेजे।
हाईकोर्ट में विचाराधीन इस मामले में एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने इनकम टैक्स एक्ट 1961 के अनुभाग 10(1) में शामिल प्रावधानों को चुनौती देते हुए आयकर अधिनियम में बड़े किसानों को आयकर से मिली पूरी छूट को मनमाना बताया है। उन्होंने कहा है कि इस छूट का फायदा बड़े-बड़े उद्योगपति, कॉर्पोरेट घराने, शराब व्यापारी व नेता लोग ले रहे है।
याचिका में अरोड़ा ने कहा है कि जहां बड़े किसानों को लाखों-करोड़ों की आमदनी पर भी आयकर से छूट मिल रही है वहीं, वेतनभोगियों को उनसे कहीं कम आय पर भी आयकर चुकाना पड़ रहा है। अरोड़ा ने पंजाब व हरियाणा के बड़े नेताओं द्वारा चुनाव आयोग के पास दायर किए शपथपत्रों को अदालत में पेश किया था जिनमें इन नेताओं ने कृषि से आय पर बड़ी छूट का लाभ लिया हुआ है।
बादल, हुड्डा व मनप्रीत के हलफनामे कोर्ट में पेश
अरोड़ा ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल, वर्तमान वित्तमंत्री मनप्रीत बादल, कांग्रेस विधायक राणा गुरजीत सिंह व कुलजीत सिंह नागरा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे नेताओं के हलफनामे अदालत के सामने पेश किए थे। इन नेताओं द्वारा कृषि आय पर आयकर से छूट लेने की बात कही थी।
कृषि आय पर छूट की सीमा तय की जाए
कृषि आय पर छूट को आरक्षण के लाभ की तरह सीमित किए जाने की मांग करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा है कि आयकर से छूट वाली कृषि आय की भी कोई सीमा निश्चित की जानी आवश्यक है। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया था कि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन रिफाम्र्स कमीशन ने 2014 में अपनी सिफारिशें भारत सरकार और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) को भेजी थी। जिसमें 50 लाख से अधिक कृषि आय पर आयकर लगाने का सुझाव था। सीबीडीटी ने टीएआरसी की यह सिफारिश भी मंजूर नहीं की।