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पंजाब में घोटाला रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बदली स्कालरशिप योजना की शर्ते

पंजाब में एससी मैट्रिक स्‍कालरशिप स्‍कीम में घोटाला रोकने के लिए ही केंद्र सरकार ने इसकी शर्तों में बदलाव किया है। दरअसल कॉलेजों में फर्जी एडमिशन दिखाकर घोटाला करने के मामले सामने आने के बाद शर्तों में बदलाव किया गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 08:46 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 08:46 AM (IST)
पंजाब में घोटाला रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बदली स्कालरशिप योजना की शर्ते
पंजाब में एससी पोस्‍ट मैट्रिक स्‍कालरशिप योजना की शर्तों में बदलाव किया गया है। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में फिर से कोई घोटाला न हो, इसके लिए केंद्र सरकार ने अपनी नई स्कालरशिप योजना में कई बदलाव किए हैं। इन बदलावों को पंजाब सरकार ने मंजूर भी कर लिया है और केंद्र सरकार से वर्ष 2021-22 के लिए 563 करोड़ रुपये की राशि की मांग भी कर दी है। नई योजना के अनुसार विद्यार्थियों की कुल फीस का 60 फीसद हिस्सा केंद्र और 40 फीसद हिस्सा राज्य सरकार की ओर से खर्च करने का प्रविधान किया गया है।

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 पहले कालेजों को भेजी जाती थी स्कालरशिप की राशि, अब विद्यार्थियों के बैंक खाते में जाएगी

केंद्र सरकार ने नई योजना में कहा है कि स्कालरशिप की राशि अब सीधे कालेजों को देने की बजाए विद्यार्थियों के खाते में जमा करवाई जाएगी। केंद्र सरकार अपना हिस्सा तब तक विद्यार्थियों के खाते में नहीं डालेगी जब तक राज्य सरकार अपने हिस्से का 40 फीसद हिस्सा नहीं जमा करवाएगी। इसके साथ ही विद्यार्थियों के आधार कार्ड से लिंक बैंक खातों को ही इस योजना के तहत लिया जाएगा। प्रदेश के समाज सशक्तिकरण विभाग की ओर से विद्यार्थियों को नई योजना के तहत स्कालरशिप के लिए दोबारा आवेदन करने के लिए कहा है।

कालेज फर्जी एडमिशन दिखाकर कर लेते थे घोटाला, इसलिए केंद्र सरकार ने किया शर्तो में बदलाव

दरअसल, केंद्र सरकार की ओर से ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इससे पहले 2012 से लेकर 2017 तक चली योजना में कालेजों ने फर्जी दाखिला दिखाकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया। हाईकोर्ट के पूर्व जज व पूर्व विधायक निर्मल सिंह की अगुवाई में बनी विधानसभा की कमेटी ने इसे उजागर किया था। रिपोर्ट में कहा था कि कालेजों ने स्कालरशिप की राशि हासिल करने के लिए एक ही विद्यार्थी के तीन तीन कालेजों में दाखिले दिखाए हुए हैं। यह तथ्य भी सामने आए कि राज्य सरकारें अपने हिस्से की राशि अदा नहीं कर रही हैं। इसलिए नई योजना में केंद्र सरकार ने शर्तो में बदलाव कर दिया।

इस बारे में चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन की ओर से सभी विभागों के सचिवों से बैठक की गई तो तब भी यह मामला उठा। मुख्य सचिव ने कहा कि नई योजना के लिए राज्य सरकार की ओर से स्वीकृति दे दी गई है। इससे पहले राज्य सरकार ने पिछले साल बीआर अंबेडकर स्कालरशिप योजना शुरू करने का एलान कर दिया था। इसके लिए ज्यादा आवेदन नहीं आए।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि 4 जनवरी तक केवल 1.39 लाख आवेदन ही प्राप्त हुए हैं जबकि पंजाब के कालेजों में हर साल औसतन 3.15 लाख विद्यार्थी इस स्कालरशिप के लिए आवेदन करते हैं। जिसके बाद राज्य सरकार ने आवेदन लेने के लिए समय सीमा बढ़ाकर 19 जनवरी तक कर दी थी। मुख्य सचिव ने भी संबंधित विभागों से ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को इस योजना का फायदा दिलवाने के लिए कहा है ताकि 20 फरवरी तक केंद्र को प्रस्ताव भेजा जा सके।


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