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केंद्र ने पंजाब को चावल की डिलीवरी रोकी, नाराज मंत्री आशू ने पीयूष गोयल को लिखा पत्र

केंद्र सरकार ने पंजाब को अक्टूबर 2020 में खरीदी गई 202 लाख टन धान से होने वाली चावल की डिलीवरी रोक दी है। एफसीआइ ने यह आपूर्ति वेरिफिकेशन के नाम पर रोकी है। नाराज पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 06:59 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 06:59 PM (IST)
केंद्र ने पंजाब को चावल की डिलीवरी रोकी, नाराज मंत्री आशू ने पीयूष गोयल को लिखा पत्र
पंजाब के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [इन्‍द्रप्रीत सिंह]। केंद्र सरकार ने पंजाब को अक्टूबर 2020 में खरीदी गई 202 लाख टन धान से होने वाली चावल की डिलीवरी रोक दी है। राज्य सरकार ने अभी तक 112 लाख टन चावल ही दिया है जबकि शेष की डिलीवरी अभी लेनी बाकी है। पता चला है कि ऐसा एफसीआई ने वेरिकेशन के नाम पर रोक लगाई है। केंद्र सरकार के इस कदम से पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू नाराज हैं और उन्होंने केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पियूष गाेयल को एक पत्र लिखकर नाराजगी जताई है।

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132 लाख टन चावल की डिलीवरी लेनी है केंद्र सरकार ने अभी तक 112 लाख टन ही चावल दिया

भारत भूषण आशू ने पत्र में लिखा कि कभी वेरिफिकेशन के नाम पर तो कभी फोर्टिफाइड चावल लेने के नाम पर मिलिंग रोक दी जाती है जिस कारण जून महीना शुरू होने के बावजूद मिलर्स एफसीआई को पूरी डिलिवरी नहीं दे सके।

पहले फोर्टिफाइड चावल पर रोकी मिलिंग अब वेरिफिकेशन के नाम पर लगा दी है रोक

आशू ने आगे लिखा कि पिछले महीनों में धीमी ढुलाई के चलते स्टोरेज की भारी कमी है और स्टॉक को रखना मुश्किल हो रहा है जिसका असर मिलिंग पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि धान की शैल्फ लाइफ कम होने के कारण इसके अब खराब होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अगर मिलिंग जल्द से जल्द पूरी न करवाई गई तो मिलिंग में दिक्कत आएगी। ब्रोक्रेज और बदरंग होने की संभावनाएं बढ़ेंगी।

उन्होंने आग्रह किया कि एफसीआई के चंडीगढ़ स्थित रीजनल आफिस को डिलिवरी जल्द से जल्द लेने को कहा जाए। उन्होंने कहा कि जहां तक वेरिफिकेशन का सवाल है तो एफसीआई मिलर्स के यहां यह प्रक्रिया अपनी पूरी करती रहे। आशू ने जागरण से बातचीत में कहा कि वह अगले हफ्ते पीयूष गोयल से मिलने के लिए दिल्ली भी जा रहे हैं।

काबिले गौर है कि इस साल धान की खरीद 202 मीट्रिक टन के बाद से केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के बीच यह विवाद का मुद्दा बना हुआ है। कहा जा रहा है कि दूसरे राज्यों से धान को पंजाब लाकर बेचा जा रहा है जबकि दूसरी ओर पंजाब सरकार का कहना है कि राज्य सरकार ने यहां मंडी सिस्टम बनाया हुआ है इसलिए दूसरे राज्यों के व्यापारी यहां लाकर धान बेच देते हैं लेकिन इसे रोकने के लिए पिछले दो सालों से काफी सख्ती की गई है।

पंजाब में अक्टूबर के बाद से ही मिलिंग शुरू हो जाती है जो आम तौर पर मार्च और अप्रैल के बीच समाप्त होनी होती है लेकिन इस बार पहले फोर्टिफाइड राइस लेने के चलते काफी दिन मिलिंग रुकी रही। अब जब यह पूरी होने को है तो केंद्र सरकार ने वेरिफिकेशन के नाम डिलीवरी लेनी बंद कर दी है। किसानों की ओर से तीन कृषि कानूनों के चलते रेलें रोकने के कारण राज्य से मूवमेंट रुकी रही है जिस कारण समय पर गोदाम खाली नहीं हो सके।


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