Arms amendment bill: केंद्र ने पंजाब की मांग न तो पूरी तरह मानी, न खारिज की
Arms amendment bill केंद्र ने पंजाब की मांग न तो पूरी तरह मानी न खारिज की। पंजाब एक लाइसेंस पर तीन हथियार की मांग कर रहा था जबकि विधेयक में दो हथियारों की बात है।
जेेेेेएनएन, चंडीगढ़। Arms amendment bill: केंद्र सरकार ने शस्त्र संशोधन विधेयक में पंजाब की मांग न तो पूरी तरह मानी और न ही खारिज की। लोकसभा में जो विधेयक पास हुआ है उसके तहत अब एक लाइसेंस पर दो हथियार रखे जा सकेंगे। पहले प्रस्तावित बिल में एक लाइसेंस पर एक हथियार रखने का प्रावधान किया गया था जिसका पंजाब में सभी दलों के नेताओं ने विरोध किया था।
दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस और अकाली दल के नेता बेशक आए दिन एक दूसरे पर आरोप लगाते हों, लेकिन एक लाइसेंस पर तीन हथियार रखने के मामले में सभी एकमत नजर आए। सबसे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र के प्रस्तावित संशोधन का विरोध किया। फिर शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने भी एक लाइसेंस पर तीन हथियार रखने की वकालत की।
कैप्टन ने पंजाब में आतंकवाद के दौर का जिक्र करते हुए कहा था कि लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए हथियार लिए। उन्होंने पंजाब के सीमांत प्रांत होने की भी दलील दी जिसमें पड़ोसी देश से आए दिन होने वाली गतिविधियों की वजह से लोगों ने अपनी सुरक्षा के लिए हथियार रखे हैं। इसके अलावा कंडी एरिया में पशुओं की संख्या ज्यादा होने के कारण किसानों ने हथियार अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए खरीद रखा है।
अवैध हथियारों से 3,453 हत्याएं हुईं, लाइसेंसी से 322 : बाजवा
शस्त्र संशोधन विधेयक पर प्रताप बाजवा ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2017 में अवैध हथियारों से जुड़ी 35,873 घटनाएं दर्ज की गई थीं। 2016 में लाइसेंसी हथियारों से 322 और अवैध हथियारों से 3,453 हत्याएं की गई। लाइसेंस जारी करने से पहले मेडिकल और सुरक्षा रिपोर्ट हासिल की जाती है। ऐसे में एक लाइसेंस पर तीन हथियारों की बजाए एक हथियार की मंजूरी दिया जाना ठीक नहीं होगा।
गुरदासपुर में 11,526 लाइसेंसधारकों नहीं जारी हुए यूआइएन
बाजवा ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 2016 में अधिसूचना जारी करके सभी लाइसेंसधारकों द्वारा मार्च 2019 तक विशेष पहचान नंबर (यूआइएन) प्राप्त करना आवश्यक बना दिया था। पंजाब के सिर्फ गुरदासपुर जिले में हथियारों के 38,290 लाइसेंसों में से 11,526 लाइसेंसधारकों को अब तक यूआइएन जारी नहीं हो पाया है। इन लाइसेंसधारकों द्वारा अपना विवरण और दस्तावेज संबंधित अधिकारियों को समय से उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। ऐसे में वर्तमान नियमों के तहत एक लाइसेंस पर हथियारों की संख्या कम करने के संशोधन को लोगों को परेशान किए बिना लागू करना संभव नहीं होगा।
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