पंजाब सीएम अमरिंदर बोले- आवश्यक वस्तु कानून 2020 को केंद्र ने थोपा, अदालत में देंगे चुनौती
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि आवश्यक वस्तु कानून 2020 को केंद्र सरकार ने राज्यों पर थोपा है। यह राज्य का विषय है। इसे अदालत में चुनौती देंगे।
चंडीगढ़ए जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैपटन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार के आवश्यक वस्तु अधिनियम 2020 को किसानों के हितों के खिलाफ बताया है। कैप्टन ने कहा कि पंजाब सरकार इसे अदालत में चुनौती देगी। केंद्र सरकार ने देश के संघीय ढांचे में राज्य के विषय पर अपना एक्ट थोप दिया है। पूरे मामले में शिरोमणि अकाली दल भी शामिल है। शिअद केंद्र सरकार का हिस्सा है
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि यह बिल पास करके सरकार ने एमएसपी को खत्म करने की ओर कदम बढ़ा दिया है। यह पंजाब और यहां के किसानों को बर्बाद करने की केंद्र की साजिश का हिस्सा है। राज्य सरकार इसके खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून किसानों में प्रतिस्पर्धा पैदा करता है और क्या किसान कार्पोरेट्स का मुकाबला कर पाएंगे। वहीं, दो और अध्यादेश संसद में पेश किए जा चुके हैं जो शांता कुमार कमेटी की सिफारिशों पर तैयार किए गए हैं। इस कमेटी ने एमएसपी को समाप्त करने की सिफारिश की हुई है और केंद्र सरकार भी एमएसपी को खत्म करने की ओर चल पड़ी है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रधान सुखबीर बादल को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जब यह बिल पारित हो रहा था तब वह सदन में मौजूद थे। किसानों का मसीहा होने का दावा करने वाला शिअद पंजाब के किसानों की हितों की रक्षा करने में असफल रहा। सुखबीर व अकाली दल स्पष्ट रूप से केंद्र सरकार द्वारा किए गए धोखे में शामिल हैं। केंद्र सरकार ने बिल पास करके दशकों से देश का पेट भर रहे किसानों का हक छीनने की कोशिश की है।
कैप्टन ने सुखबीर से सवाल करते हुए कहा 'क्या आप केंद्र में सत्ताधारी गठजोड़ छोड़ोंगे या उनके दरवाजे के बाहर बैठकर टुकड़ों का इंतजार करना जारी रखेंगे, जो वह आपके लिए फेंकते हैं?' अकाली एक बार फिर पंजाब के हकों की रक्षा करने में असफल हुआ है। सुखबीर बादल ऐसी विरासत को बढ़ावा दे रहे हैं जो हमेशा ही अपने निजी हितों को पहल देती है।