चंडीगढ़ के पूर्व डीसी अजित बालाजी व उनकी पत्नी का ट्रांसफर पंजाब कैडर में करने पर विचार करे केंद्र सरकार : कैट
अजित बालाजी महाराष्ट्र निवासी हैं और हरियाणा कैडर के 2003 बैच के आइएएस अधिकारी है। उनकी पत्नी गौरी पराशर हरियाणा की रहने वाली हैं और उड़ीसा कैडर की 2009 बैच की आइएएस अधिकारी है। राज्य सरकारों की सहमति मिने के बावजूद केंद्र ने उनके ट्रांसफर पर मुहर नहीं लगाई।
चंडीगढ़, [राजन सैनी]। चंडीगढ़ के पूर्व डीसी अजित बालाजी जोशी और उनकी पत्नी गौरी पराशर जोशी ने पंजाब कैडर में उनका ट्रांसफर करने को लेकर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में याचिका दायर की थी, जिस पर कैट ने आंशिक मंजूरी दे दी है। कैट ने केंद्र के पर्सनेल एंड ट्रेनिंग विभाग के साथ उड़ीसा, हरियाणा और पंजाब सरकार को दोनो याचिकर्ताओं की उन्हे पंजाब कैडर में भेजे जाने की मांग पर विचार करने का आदेश दिया है। अजित बालाजी जोशी ने बतौर डीसी पद पर चंडीगढ़ ने अक्टूबर 2015 में ज्वाइन किया था और अक्टूबर 2018 तक यहां कार्यरत रहे चुके है। बता दें कि अजित बालाजी जोशी महाराष्ट्र निवासी है और हरियाणा कैडर के 2003 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। वहीं उनकी पत्नी गौरी पराशर जोशी हरियाणा की रहने वाली हैं और उड़ीसा कैडर की 2009 बैच की आइएएस अधिकारी है।
कैट में दायर याचिका में दोनों ने दलील दी कि उनकी शादी 28 जून 2010 को हुई थी। दोनों की तरफ से पेश हुए वकील पंकज जैन ने बताया कि नियमो के मुताबिक शादीशुदा आइएएस अधिकारी अपनी इच्छा के मुताबिक एक कैडर ले सकते हैं। 29 जून को गौरी पराशर ने उड़ीसा सरकार से उनका कैडर हरियाणा कैडर में ट्रांसफर करने की मांग की थी, जिसके लिए उड़ीसा सरकार ने एनओसी दे दी थी। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को लिखा कि अगर किसी वजह से गौरी पराशर का हरियाणा कैडर में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता तो उन दोनों को पंजाब कैडर में ट्रांसफर कर दिया जाए। इसके लिए दोनों ने 27 अक्टूबर 2010 में केंद्र सरकार को रिपेरजेंटेशन भी दी थी। लेकिन उड़ीसा सरकार से मंजूरी मिलने के बावजूद केंद्र सरकार ने उनकी मांग को 29 नवम्बर 2010 को खारिज कर दिया।
इसके बाद वर्ष 2011 में दोनों ने दोबारा केंद्र सरकार के सामने रिपेरजेंटेशन देते हुए बताया कि बालाजी जोशी को हरियाणा में काम करने का अनुभव है और शादी हो जाने की वजह से उन्हें अब उनकी पत्नी का ट्रांसफर करवाना है। इसके बाद हरियाणा और उड़ीसा सरकार ने दोनों की एनओसी भी केंद्र सरकार को भेज दी। वहीं पंजाब सरकार ने भी दोनो आइएएस अधिकारियों को पंजाब कैडर में लेने की इच्छा जाहिर की लेकिन केंद्र सरकार नहीं मानी और दोनों अधिकारियों का ट्रांसफर नागालैंड करने का प्रस्ताव रखा, जिसके लिए दोनो याचिकाकर्ता तैयार नहीं थे। इसके बाद दोनों ने कैट का दरवाजा खटखटाया। जहां दोनों पक्षो की दलीलों को सुनने के बाद मंगलवार को कैट ने याचिकाकर्ताओं की याचिका पर आंशिक मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही केंद्र सरकार, उड़ीसा, पंजाब और हरियाणा सरकार को याचिकाकर्ताओं की पंजाब कैडर में ट्रांसफर किए जाने की मांग पर विचार करने का आदेश दिया है।
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