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C&D वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की क्षमता 150 टन, पहुंचाया केवल 50 टन; एक्सईएन को नोटिस

प्लांट की क्षमता रोजाना 150 टन वेस्ट प्रोसेस करने की है। लेकिन इसमें 50 टन वेस्ट ही पहुंचाया गया। जिससे वेस्ट का डंप भी टनों में इकट्ठा हो गया है।

By Edited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 11:27 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 02:51 PM (IST)
C&D वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की क्षमता 150 टन, पहुंचाया केवल 50 टन; एक्सईएन को नोटिस
C&D वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की क्षमता 150 टन, पहुंचाया केवल 50 टन; एक्सईएन को नोटिस

चंडीगढ़, जेएनएन। नगर निगम ने पांच महीने पहले इंडस्ट्रियल एरिया में कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन (सीएंडडी) वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट लगाया था। लेकिन इसके अधिकारियों ने प्लांट शुरू होने के बाद से ही इसमें खेल करना शुरू कर दिया। प्लांट की क्षमता रोजाना 150 टन वेस्ट प्रोसेस करने की है। लेकिन इसमें 50 टन वेस्ट ही पहुंचाया गया। जिससे प्लांट लगाने का न तो उद्देश्य पूरा हुआ और वेस्ट का डंप भी टनों में इकट्ठा हो गया। अब पता चलने पर कमिश्नर केके यादव ने तीनों रोड डिविजन के एक्सईएन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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एक्सईएन अजय गर्ग, धर्मेंद्र शर्मा और रविंद्र शर्मा को इस पर जवाब देना होगा। दरअसल केके यादव ने दो दिन पहले सीएंडडी वेस्ट प्लांट का दौरा किया था। जब उन्होंने प्लांट की वर्किग रिपोर्ट देखी तो हैरान रह गए। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि आखिर पांच महीने में बहुत सी सड़कें बनी हैं और डिमोलिशन वेस्ट जेनरेट हुआ है आखिर यह वेस्ट कहां गया। प्लांट में वेस्ट को प्रोसेस कर उससे पेवर ब्लॉक और टाइले इत्यादि बनाई जाती हैं। जो फिर से काम आती हैं।

अब एमसी चलाएगा प्लांट

अब सीएंडडी वेस्ट प्लांट एमसी ने अपने हाथों में ले लिया है। मंगलवार को हुई एफएंडसीसी की मी¨टग में यह फैसला लिया गया था। एफएंडसीसी मेंबर्स ने भी प्लांट में गड़बड़ी को देखते हुए यह फैसला लिया था। अभी तक यह किसी कंपनी को चलाने के लिए दिया हुआ था। प्लांट की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी जांच के आदेश इस प्लांट की टेंडर प्रक्रिया में भी एमसी के अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। एमसी हाउस ने तय किया था कि जिस कंपनी को प्लांट लगाने का काम दिया जाएगा, वहीं इसका तीन साल तक रखरखाव भी करेगा। लेकिन एमसी के अधिकारियों ने बिना हाउस की अनुमति लिए इसे तीन साल की बजाए एक साल कर दिया। इतना ही नहीं जिस कंपनी को यह प्लांट चलाने के लिए दिया उसकी प्रतिमाह 15 हजार रुपये की लीज भी तय कर दी। इस पर कमिश्नर केके यादव ने एडीश्नल कमिश्नर एसके जैन को जांच सौंपी है। उन्हें मामले में 15 नवंबर तक जांच रिपोर्ट देनी है।इस रिपोर्ट बाद अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी और कार्रवाई होगी।

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