सीबीआइ कोर्ट ने गृहसचिव, डीजीपी और गुरुग्राम के सीपी को लगाई फटकार
गुरुग्राम के एक प्राइवेट स्कूल में बच्चे की हत्या के मामले में चार पुलिस अधिकारियों पर केस चलाने की अनुमति न देने पर पंचकूला स्थित सीबीआइ के स्पेशल ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने मंगलवार को हरियाणा के गृहसचिव पुलिस महानिदेशक और गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त को जमकर फटकार लगाई।
पंचकूला, जेएनएन। गुरुग्राम के एक प्राइवेट स्कूल में बच्चे की हत्या के मामले में चार पुलिस अधिकारियों पर केस चलाने की अनुमति न देने पर पंचकूला स्थित सीबीआइ के स्पेशल ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने मंगलवार को हरियाणा के गृहसचिव, पुलिस महानिदेशक और गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने हरियाणा की तीन प्रमुख अथारिटी को अभियोजन की मंजूरी के लिए 22 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर बताया कि चारों आरोपियों पर केस चलाने के लिए सीबीआइ ने हरियाणा सरकार से अनुमति मांगी थी। इस अर्जी पर कोई निर्णय न होने पर सरकार के अफसरों को जनवरी में दोबारा रिमाइंडर भेजा गया। रिमाइंडर के बावजूद अभी तक केस चलाने की अनुमति नहीं दी गई है।
अधिकारी कितने भी बड़े हों, कानून उनसे ऊपर है : कोर्ट
कोर्ट ने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि अधिकारी कितने भी बड़े हों, कानून उनसे ऊपर रहता है। ऐसे में न्यायालय ने अधिकारियों को मोहलत देते हुए अगली सुनवाई होने तक केस चलाने की मंजूरी पर निर्णय लेने का आदेश दिया है। सीबीआइ की विशेष अदालत ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में यदि सक्षम अथारिटी जवाब देने में असमर्थ हैं तो उस वजह से संबंधित एफीडेविट भी फाइल करें, जिसके कारण वह जवाब नहीं दे रहे हैं। अदालत ने इस मामले में इस मामले में हरियाणा के मुख्य गृह सचिव, हरियाणा के डीजीपी और गुरुग्राम सिटी के कमिश्नर आफ पुलिस को यह आदेश आठ दिन तक देने को कहा है।
गौरतलब है कि तीन साल से अधिक के लंबे इंतजार के बाद सीबीआइ ने भोंडसी के तत्कालीन एसीपी बिरेम ¨सह, तत्कालीन भोंडसी थाने के एसएचओ नरेंद्र खटाना, एसआइ शमशेर ¨सह व ईएएसआइ सुभाषचंद के खिलाफ सप्लिमेंट्री चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। गुरुग्राम के एक निजी स्कूल में की गई थी बच्चे की हत्या वर्ष 2017 में 8 सितंबर का दिन सात साल के बच्चे के लिए उसकी ¨जदगी का आखरी दिन बन गया था। उसी दिन गुरुग्राम के एक निजी स्कूल में उसकी गला रेत कर हत्या कर दी गई।
भोंडसी के एक निजी स्कूल में 8 सितंबर 2017 को हुए ¨प्रस हत्याकांड में गुरुग्राम पुलिस ने अपनी जांच में स्कूल बस कंडक्टर को पकड़ा था, जबकि सीबीआइ ने बस कंडक्टर को क्लीन चिट दे दी थी और तथ्यों से छेड़छाड़ को लेकर चार पुलिस कर्मियों को आरोपी बनाया था। कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी सीबीआइ कोर्ट ने कहा कि केस न चलाने की अनुमति देने से प्रतीत होता है कि अभियोजन पक्ष को गृहसचिव, पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस आयुक्त बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
इन पर क्या एक्शन लेना है, इस पर बाद में फैसला किया जाएगा। कोर्ट ने मामले में हैरानी जताते हुए कहा कि सीबीआइ के निवेदन के पांच माह बीत जाने के बाद भी अधिकारी इस अर्जी पर पर कुंडली मारे बैठे हैं। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रही है, लेकिन अधिकारी कुंभकर्ण की नींद सो रहे हैं। ऐसे में सीबीआइ को मजबूरन उन पर केस चलाने की अनुमति के लिए न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट ने कहा कि लोगों का विश्वास न्यायालय से उठने नहीं दिया जाएगा और हरियाणा सरकार के अधिकारियों को नसीहत दी कि जो जिम्मेदारी कानून ने उनकेो दी है वह उसका निर्वाहन करें।