कैप्टन ने PM को लिखा पत्र, GST की बकाया 6752.83 करोड़ रुपये की राशि तुरंत जारी करने की मांग
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जीएसटी की बकाया राशि तत्काल जारी करने की मांग की है।
जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर 2 अक्टूबर,2019 से GST के बकाया पड़े 6752.83 करोड़ रुपये तुरंत जारी करने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वह COVID-19 के संकट के कारण पैदा हुई गंभीर स्थिति के मद्देनजऱ यह बकाया राशि पहल के आधार पर जारी करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय को निर्देश दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में जहां केंद्र और राज्य सरकार दोनों COVID-19 के कारण पैदा हुई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, वहीं इस बकाया राशि को जारी करने से पंजाब को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुआवज़े के 6752.83 करोड़ रुपये का बकाया जारी करना इस विपदा के प्रभाव को घटाने के साथ-साथ गरीबों और ज़रूरतमंदों को अपेक्षित राहत प्रदान करने में पंजाब सरकार के लिए सहायक होगा।
COVID-19 से निपटने के लिए CSR Fund राज्य सरकार की सहायता के लिए कंपनियों को इजाज़त दे
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब में कंपनियों को अपने कॉर्पोरेट सामाजिक जि़म्मेदारी (सीएसआर) के फंड बरतने की इजाज़त देने की अपील की है, जिससे राज्य सरकार द्वारा कोविड -19 के विरुद्ध किए जा रहे यत्नों को और बल मिल सके। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कैप्टन ने कहा कि राष्ट्रीय हित में कंपनीज एक्ट-2013 में सीएसआर की सूची में मुख्यमंत्री राहत कोष को शामिल करने के लिए वह कॉर्पोरेट मामलों संबंधी मंत्रालय को निर्देश दें।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि यह कदम COVID-19 की महामारी की चुनौती से और ज्य़ादा प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य सरकार के लिए बहुत सहायक सिद्ध होने के साथ-साथ राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के मद्देनजऱ गरीब और जरूरतमंद नागरिकों और प्रवासी मज़दूरों को मेडिकल और अन्य सहायता हासिल हो सकेगी। कैप्टन ने प्रधानमंत्री को मानवीय संकट से निपटने और आपदा की गंभीरता को समझते हुए इस संबंध में तत्काल फ़ैसला लेने की अपील की।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने बताया कि इन हालतों में पंजाब में कंपनियां कोविड-19 के विरुद्ध राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में योगदान देने के लिए अपना सीएसआर फंड बरतने की इजाज़त मांग रही है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ज़रूरी है क्योंकि देश पहले ही गंभीर और अभूतपूर्व आपदा के साथ जकड़ा हुआ है।
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