सिद्धू को प्रधान बनाने पर अमरिंदर की सोनिया गांधी को बड़ी चेतावनी, जानें पंजाब सीएम ने पत्र में क्या लिखा
Punjab Congress पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने को लेकर सोनिया गांधी को बड़ी चेतावनी दी है। कैप्टन ने इस संबंध में कांग्रेस की कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखा है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज सुबह नवजोत सिंह सिद्धू की कांग्रेस की कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से बैठक से पहले एक पत्र भेजा। सोनिया को कैप्टन के ओएसडी द्वारा दिए गए पत्र से पूरे मामले में सस्पेंस गहरा गया। अब पता चला है कि इस पत्र में कैप्टन ने साेनिया को बड़ी चेतावनी दी है औद उनको सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने को लेकर आगाह किया है।
सिद्धू के मिलने से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के ओएसडी मिले सोनिया से, सीएम का पत्र दिया
सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने की तैयारी के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को चेताया है कि इस फैसले से न सिर्फ गलत संदेश जाएगा बल्कि कई नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। इस मुख्यमंत्री ने एक पत्र सोनिया गांधी को लिखा। यह पत्र दिल्ली में मुख्यमंत्री के ओएसडी नरिंदर भांभरी से सोनिया गांधी को उस समय सौंपा जब सिद्धू पार्टी अध्यक्ष से मिलने के लिए जा रहे थे। इस बीच हरीश रावत शनिवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से मिलने के चंडीगढ़ आ रहे है। माना जा रहा है कि पार्टी की कोशिश है कि पहले कैप्टन को मनाया जाए उसके बाद ही सिद्धू पर फैसला किया जाए।
पत्र में कहा- सिद्धू को प्रधान बनाया तो जिम्मेदारी पार्टी की होगी
सिद्धू के सोनिया गांधी से मुलाकात के पहले कैप्टन के पत्र को लेकर खासी चर्चाएं गर्म रही। पहले यह चर्चा चली की कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफा भेजा है। हालांकि बाद में स्पष्ट हुआ कि मुख्यमंत्री ने अपनी आशंकाओं को एक बार फिर पत्र के रूप में पार्टी अध्यक्ष को भेजा है।
जानकारी के अनुसार इस पत्र में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान सीमा से लगे राज्य होने के कारण पंजाब पर कई प्रकार का खतरा मंडराता रहता है। पाकिस्तान हमेशा ही पंजाब के सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की जुगत में लगा रहता है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी हमेशा ही समाजिक सौहार्द को बनाए रखा है। सिद्धू को प्रदेश की कमान सौंपने से इस सौहार्द को खतरा हो सकता है। इससे पंजाब का हिंदू पार्टी से दूर हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस के दो अहम ओहदों पर जट सिख स्थापित हो जाएंगे।
अहम बात यह है कि करतारपुर कारीडोर खुलने के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शान में कसीदे पढ़े थे। इससे पूरे देश में सिद्धू के प्रति नकारात्मक संदेश गया था। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने यह भी लिखा कि पार्टी सिद्धू को जितनी मर्जी खुली छूट दे सकती है, मैं किंतु परंतु नहीं करूंगा। वह अपनी मर्जी से कांग्रेस को चला ले लेकिन इतना पहले दिन से ही स्पष्ट हो कि उसकी प्रधानगी से जो भी खामियाजा कांग्रेस को प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर पर होगा उसकी सीधी सीधी जिम्मेदारी नवजोत सिद्धू की होगी।
जानकारी के अनुसार कैप्टन के पत्र के बाद सोनिया गांधी ने भले ही नवजोत सिद्धू के साथ मुलाकात की लेकिन पार्टी सिद्धू को प्रदेश प्रधान बनाने की घोषणा नहीं कर पाईं। माना जा रहा है कि पार्टी को इस बात की आशंका सता रही है कि अगर कैप्टन की सहमति के बिना सिद्धू को प्रधान बना दिया गया तो कांग्रेस दोफाड़ न हो जाए।
यही कारण है कि शुक्रवार को सिद्धू को प्रधान बनाने की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि यह पहले से तय था कि घोषणा से पहले हरीश रावत मुख्यमंत्री से मुलाकात करके पार्टी के फैसले से अवगत करवाएंगे। लेकिन, अब माना जा रहा है कि शनिवार को रावत कैप्टन से मुलाकात करके उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे। अगर सिद्धू को प्रदेश प्रधान बनने पर कैप्टन तैयार हो जाते हैं तो पार्टी अधिकारिक घोषणा कर देगी। अगर कैप्टन नहीं मानते है तो गेंद फिर से सोनिया गांधी के पाले में चली जाएगी।