नशामुक्ति का दावा करने वाली कैप्टन सरकार नकली शराब कांड से घेरे में, विपक्ष हमलावर
पंजाब के तीन जिलों में नकली व जहरीली शराब से 49 लोगों की मौत से कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार घेरे में आ गई है। विपक्ष सरकार पर पूरी तरह से हमलावर हो गया।
चंडीगढ़, [ कैलाश नाथ]। पंजाब में नशा खत्म करने के वादे व दावे के साथ राज्य की सत्ता में आई कांग्रेस और कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार अब अवैध शराब पर बुरी तरह घिर गई है। राज्य के तीन जिलों में अवैध व जहरीली शराब से 49 लाेगों की मौत से कैप्अन सरकार की मुश्किल बढ़ गई है। यह मामला कांग्रेस सरकार के लिए बड़ा कलंक बन गया है। विपक्ष के साथ-साथ अपनों ने भी सरकार सवाल उठाए हैं। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा है कि कांग्रेस के हाथ इनके खून से रंगे हुए हैं।
सुखबीर बोले- नकली शराब पी कर मरने वालों के खून से रंगे हैं कांग्रेस के हाथ
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह घटना के लिए जिम्मेदार अपने सहयोगियों पर कार्रवाई करने की बजाय अपने विज्ञापन के वीडियो बनाने में व्यस्त हैं। इससे पहले 5600 करोड़ रुपये के आबकारी राजस्व नुकसान व अवैध शराब की बिक्री का मामला भी सामने आया था। इसमें स्पष्ट रूप से तथ्य सामने आए थे कि कांग्रेस नेताओं के संरक्षण में अवैध डिस्टलरी और बॉटलिंग प्लांटों से नकली शराब की बिक्री हो रही थी। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
कैप्टन ने कसम खाई थी, लेकिन नशा खत्म नहीं हुआ: अरोड़ा
आप के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाथ में गुटका साहिब लेकर चार हफ्ते में नशे को खत्म करने की कसम खाई थी। अब साढ़े तीन साल हो गए हैं। नशा तो खत्म नहीं हुआ, लेकिन आज दर्जनों लोगों को अपनी जान से हाथ धोने पड़े।
सरकार ने पर्दा डालने की कोशिश की: दूलो
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य व पूर्व पार्टी प्रधान शमशेर सिंह दूलो ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी अवैध शराब की बिक्री का मुद्दा उठा था। अवैध शराब की फैक्ट्रियां भी पकड़ी गईं, लेकिन पंजाब सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेने की बजाय इस पर पर्दा डालने की कोशिश की। लॉक डाउन के दौरान भी शराब डोर-टू-डोर सप्लाई की होती रही। अगर इस तरफ ध्यान दिया गया होता और सख्ती की जाती तो यह घटना नहीं होती।
नकली शराब बनाने वालों पर सख्ती करे सरकार: जाखड़
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार से मांग की है कि शराब तस्करी व नकली शराब बनाने वालों के खिलाफ सख्ती की जाए। आरोपितों को तुरंत काबू किया जाए कानून के अनुसार कड़ी सजा दी जाए।
कैप्टन लें जिम्मेदारी, एक्साइज व गृह विभाग उन्हीं के पास: बाजवा
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने कहा इस घटना की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेनी चाहिए, क्योंकि एक्साइज व गृह विभाग उनके पास हैं। बाजवा ने कहा, मैंने पहले भी कई बाद अवैध शराब का मुद्दा उठाया है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। पहली नजर में लगता है कि नकली शराब बनाने का कोई बड़ा गैंग काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इसका सोर्स एक ही है, जिसने विभिन्न सप्लायरों को यह शराब बेचने को दी है। मुख्यमंत्री को सबसे पहले उन तीनों जिलों के एसएसपी लाइन हाजिर करके उनसे जवाब तलब करना चाहिए कि उन्हें इस अवैध कारोबार की खबर क्यों नहीं है। साफ है कि इन सभी की मिलीभगत है या पुलिस काबिल नहीं है।
बाजवा ने कहा कि सच बाहर लाना है तो जांच हाई कोर्ट के जज से करवाई जाए और पर्दा डालना है तो डिवीजनल कमिश्नर से करवा ली जाए।
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मंत्रियों और चीफ सेक्रेटरी के बीच हुआ था विवाद
मई में अवैध शराब की बिक्री को लेकर कांग्रेस के मंत्री और तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह की बीच विवाद खड़ा हो गया था। यह मामला खासा चर्चा में भी रहा। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने करण अवतार सिंह की बैठक में नहीं जाने की घोषणा कर दी थी। बाद में करण अवतार को मंत्रियों से माफी मांगनी पड़ी थी। उस समय कांग्रेस के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने करण अवतार के बेटे पर अवैध शराब के कारोबार में शामिल होने के आरोप लगाए थे।