कैप्टन अमरिंदर सिंह का दावा- दिल्ली में बिजली पंजाब से महंगी, आंकड़े पेश कर केजरीवाल पर उठाए सवाल
पंजाब में मुफ्त बिजली पर राजनीति के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। कैप्टन ने कहा कि दिल्ली में पंजाब की तुलना में बिजली महंगी है। दिल्ली के गांवों में मुफ्त बिजली नहीं मिलती है और उद्योगों के लिए दरें महंगी हैं।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। पंजाब में मुफ्त बिजली पर सियासत के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आमने सामने आ गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में मुफ्त बिजली देने की केजरीवाल की घोषणा पर सवाल उठाए हैं और दिल्ली में बिजली की दरों को लेकर उन पर निशाना साधा है। अमरिंदर ने कहा कि पंजाब की अपेक्षा दिल्ली में बिजली महंगी है। दिल्ली के गांवों में मुफ्त बिजली नहीं मिलती है और उद्योगों के लिए बिजली की दरें महंगी हैं।
कहा- दिल्ली के गांवों में नहीं मिलती मु्फ्त बिजली, उद्योगों को महंगी दरों पर दी जा रही है
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अरविंद केजरीवाल द्वारा पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के एलान पर उन्हें आड़े हाथ लिया। कैप्टन ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की नजर केवल पंजाब के विधानसभा चुनाव पर है। हकीकत यह है कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में सभी मोर्चों पर नाकाम साबित हुई है। राष्ट्रीय राजधानी के गांवों के किसानों को मुफ्त बिजली नहीं दी जाती। दिल्ली में उद्योगों के लिए भी बिजली दरें बहुत ज्यादा हैं।
कैप्टन बोले- केजरीवाल की घोषणा 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर
कैप्टन ने कहा कि केजरीवाल ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के कारण सिर्फ पंजाब में 300 यूनिट मुफ्त बिजली का एलान किया है। केजरीवाल सरकार ने बिजली का वितरण करने वाली रिलायंस जैसी निजी कंपनियों को आम लोगों की कीमत पर अधिक बिजली दरें वसूल कर अपनी जेब भरने के की इजाजत दी हुई है।
कहा- दिल्ली में उद्योगों को 9.80 रुपये प्रति यूनिट की दर पर दी जा रह है बिजली, पंजाब में 5 रुपये की दर
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार औद्योगिक इकाइयों से बिजली के लिए 9.80 रुपये प्रति यूनिट वसूल कर रही है, जबकि पंजाब में उद्योगों को पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से सब्सिडी पर बिजली दी जा रही है। राज्य में 1,43,812 औद्योगिक इकाइयों को सब्सिडी पर 2226 करोड़ रुपये की बिजली मुहैया करवाई जा रही है। पंजाब में 13,79,217 किसानों को 6735 करोड़ रुपये की मुफ्त बिजली दी जा रही है जबकि दिल्ली सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया।
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कैप्टन ने कहा कि दिल्ली सरकार घरेलू बिजली के 200 यूनिट मुफ्त देकर दुकानदारों, उद्योगों और किसानों को महंगी कीमत पर बिजली देकर लोगों की जेब से बड़ी रकम वसूल कर रही है। छोटे दुकानदारों और कामर्शियल संस्थाओं को 11.34 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बेच रही है। यह कीमत पंजाब से 50 फीसद अधिक है।
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दोनों राज्यों में दी जाने वाली बिजली सब्सिडी की तुलना करते हुए कैप्टन ने कहा कि पंजाब सरकार बिजली सब्सिडी पर सालाना 10,458 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जबकि केजरीवाल सरकार 2820 करोड़ रुपये खर्च करती है। पंजाब में करीब तीन करोड़ जनसंख्या के मुकाबले दिल्ली की जनसंख्या दो करोड़ है। इस हिसाब से पंजाब में प्रति व्यक्ति औसत बिजली सब्सिडी 3486 रुपये है, जबकि दिल्ली में यह औसत प्रति व्यक्ति 1410 रुपये है। पंजाब सरकार कुल राजस्व का 2.24 फीसद, जबकि दिल्ली सरकार कुल राजस्व का केवल 1.03 फीसद बिजली सब्सिडी पर खर्च कर रही है।
आंकड़ों से दिखाया अंतर
दिल्ली- पंजाब
- औद्योगिक बिजली- 9.80 रुपये प्रति यूनिट-- पांच रुपये प्रति यूनिट
- प्रति व्यक्ति औसत बिजली सब्सिडी- 1410 रुपये-- 3486 रुपये
- छोटे दुकानदार व कामर्शियल संस्थाएं- 11.34 रुपये- लगभग छह रुपये
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