किसानों से सीएम अमरिंदर की वार्ता में बड़ी कामयाबी, पंजाब में ट्रेनें चलने का रास्ता साफ
पंजाब में आंदाेलनकारी किसानों से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की वार्ता सफल रही है। राज्य मेंं किसानों के रेल सेवा शुरू करने देने पर राजी होने की खबर है। इसके साथ ही राज्य में काफी समय से बंद रेल सेवा शुरू होने की उम्मीद जगी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदाेलन से पीछे हटने को तैयार नहीं हाे रहे किसानों से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की वार्ता कामयाब रही है। बताया जाता है कि किसान रेल सेवा बहाल करने को राजी हो गए हैं। अब तक किसानों के रूख के कारण राज्य में रेल सेवा शुरू नहीं हो पा रही थी। ऐसे में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से वार्ता का मोर्चा संभाला है। वह आज किसानों से बातचीत कर उनको मनाने का प्रयास किया। अब तक तीन मंत्रियों की कमेटी किसानों से बातचीत कर रही थी।
जानकारी के अनुसार बैठक में किसान संगठन राज्य 15 दिनों के लिए सभी रेलगाड़ियां चलाए जाने पर सहमत हो गए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से 15 दिन में बात कर ले। अगर यह बातचीत शुरू नहीं होती तो किसान संगठन फिर से अपना संघर्ष शुरू कर देंगे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी किसान संगठनों से लगभग एक घंटा बात की और उन्हें पंजाब के हो रहे नुकसान का हवाला दिया और अपना हठ छोड़ने को कहा।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह संगठनों से बात की और उनके पक्ष को जाना। शनिवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में डेढ़ बजे से किसान संगठनों के साथ सीएम की मीटिंग हुई। यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। यह मीटिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री की मीटिंग से पहले की गई है ताकि किसानों के रुख को भी समझा जा सके। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को समझाया कि ट्रेनों के नहीं चलने से राज्य और खुद किसानों का नुकसान हो रहा है।
पीएम और गृह मंत्री से मिलने से मुख्यमंत्री टटोलेंगे किसानों को
उधर, पंजाब किसान यूनियन के नेता रुलदू सिंह मानसा ने बताया कि मुख्यमंत्री से मीटिंग से पहले किसान भवन में 11 बजे किसान संगठनों के नेताओं की बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि उनके सामने कौन-कौन सी बात रखनी है।
मुख्यमंत्री ने कृषि कानूनों के विरोध में ट्रेनें रोके जाने से पंजाब में बढ़ रहे आर्थिक संकट को लेकर केंद्र सरकार को बड़ा दिल रखने की अपील की थी। उन्होंने केंद्र से अपील की थी कि वे मालगाड़ियों को फिर से शुरू करें। ऐसा करने के बाद किसान यात्री गाड़ियां चलाने के लिए मान जाएंगे। यही नहीं मुख्यमंत्री ने किसान संगठनों से भी कहा था कि पहले कोविड के कारण इंडस्ट्री का तीस हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है।
अब किसान आंदोलन के कारण राज्य में यूरिया की कमी होने लगी है। इसके अलावा पंजाब से खाद्यान्न जो दूसरे राज्यों को जाना था वह तीस लाख टन नहीं जा पा रहा है। इसके चलते अब गोदामों में जगह नहीं है। उन्होंने ट्रेनें रोके जाने से पंजाब को हो रहे आर्थिक नुकसान की बात करते हुए कहा था कि जब राज्य सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का पूरा साथ दे रही है तो किसानों को भी राज्य सरकार को सहयोग देना चाहिए।