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विश्व में हर साल करीब तीन लाख बच्चों में पाया जाता है कैंसर, रिपोर्ट में खुलासा Jalandhar News

बच्चों के कैंसर के इलाज के लिए बाद 80 प्रतिशत बच्चे इलाज के बाद पांच साल या उससे ज्यादा जीवित रहते हैं।

By Vikas KumarEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 07:07 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 07:07 PM (IST)
विश्व में हर साल करीब तीन लाख बच्चों में पाया जाता है कैंसर, रिपोर्ट में खुलासा Jalandhar News
विश्व में हर साल करीब तीन लाख बच्चों में पाया जाता है कैंसर, रिपोर्ट में खुलासा Jalandhar News

चंडीगढ़, जेएनएन। विश्व भर में 19 साल से कम उम्र के करीब तीन लाख बच्चों में हर साल कैंसर पाया जाता है। यह बात डॉ. स्कॉट हावर्ड ने एक रिपोर्ट पेश करते हुए बताई। उन्होंने बताया कि बच्चों में अकसर ल्यूकेमिया और लिम्फोमा कैंसर पाया जाता है। जिसके बाद ब्रेन ट्यूमर होता है। ऐसे में बच्चों के कैंसर के इलाज के लिए बाद 80 प्रतिशत बच्चे इलाज के बाद पांच साल या उससे ज्यादा जीवित रहते हैं।

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एक फरवरी से पीजीआइ की ओर से दो दिवसीय बाल चिकित्सा हेमाटोलॉजी-ऑन्कोलॉजी रोगियों पर दो दिवसीय सीएमई आयोजित की जा रही है। अमेरिका के डॉ. स्कॉट हावर्ड जो वर्तमान में इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी के सचिव हैं। वह इस कार्यशाला का हिस्सा रहेंगे। बच्चों में देखा जाने वाला सबसे सामान्य कैंसर ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर), लिम्फोमा (लिम्फ नोड का कैंसर), किडनी ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा और ब्रेन ट्यूमर हैं। प्रोफेसर रोडरिक स्किनर का कहना है कि उपचार का उद्देश्य कीमोथेरेपी के न्यूनतम पक्ष को ठीक करना और सुनिश्चित करना है ताकि बच्चे बड़े होकर स्वस्थ वयस्क बनें।

प्रोफेसर स्कॉट हॉवर्ड ने यह भी कहा कि एक निदान पाने और रोगियों को उचित उपचार सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। पीजीआइएमइआर में पीडियाट्रिक हेमटोलॉजी ऑन्कोलॉजी यूनिट पिछले 30 वर्षों से बच्चों के बचपन और कैंसर की स्थिति का इलाज कर रही है। ल्यूकेमिया के हमारे लगभग 75 प्रतिशत रोगी जीवित बचे हैं और लिम्फोमा और किडनी ट्यूमर वाले लगभग 80 प्रतिशत रोगी जीवित हैं।

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