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मोदी-शाह को कैंथ का पत्र : शहर से न उतारा जाए कैंडिडेट, कांग्रेस जीतेगी

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्षद सतीश कैंथ ने राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह और

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 06:25 AM (IST)
मोदी-शाह को कैंथ का पत्र : शहर से न उतारा जाए कैंडिडेट, कांग्रेस जीतेगी
मोदी-शाह को कैंथ का पत्र : शहर से न उतारा जाए कैंडिडेट, कांग्रेस जीतेगी

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्षद सतीश कैंथ ने राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी शनिवार को दी है। कैंथ ने अपने पत्र में लिखा है कि 18 जनवरी को उन्हें भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था उसके बाद उन्होंने पार्टी के हालात और स्थिति से दोनों नेताओं को रेगुलर अवगत करवाने के लिए पत्र लिखे, लेकिन उनकी ओर से एक दलित को कोई जवाब नहीं दिया गया। पत्र में कैंथ की ओर से सलाह भी दी गई है कि वह अपना चंडीगढ़ में कोई उम्मीदवार न उतारें, क्योंकि कांग्रेस पार्टी बहुत बड़े मार्जिन से चुनाव जीतने जा रही है। अफसोस जताया, लोगों के काम नहीं हो पाए

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कैंथ ने बताया कि पूरा शहर जानता है कि उन्होंने साल 2015 के जनवरी माह में भाजपा को ज्वाइन किया था, उसके बाद ही नगर निगम में भाजपा का मेयर बन पाया। पार्टी में उन्होंने एससी, एसटी, अल्पसंख्यक और कमजोर वर्ग के लिए काफी मेहनत की। नगर निगम चुनाव में उन्होंने अपने वार्ड के लोगों को वायदा किया था कि वह हाउसिग बोर्ड से आ रहे वॉयलेशन के नोटिस को खारिज करवाएंगे, युवाओं के लिए रोजगार, कमजोर वर्ग के उत्थान, कर्मचारियों की समस्याओं, एससी प्रमाणपत्र के अलावा शहर की सफाई व्यवस्था को दुरस्त करवाने के लिए काम करेंगे। लेकिन उन्हें अफसोस है कि वह कुछ भी नहीं करा पाए। यहां घुटन महसूस हो रही थी

कैंथ ने पत्र में कहा है कि इसके लिए सांसद किरण खेर और भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन जिम्मेदार हैं, क्योंकि ये सभी काम उनसे संबंधित थे। शहर में भाजपा कई गुटों में बंटी हुई है, जो अपने निजी हित के लिए पार्टी से ज्यादा अपने ग्रुप के लिए काम कर रही है। किसी को भी शहर की भलाई का कोई ख्याल नहीं है। साल 2014 का लोकसभा चुनाव मोदी की लहर में जीता गया था। उनके अलावा और भी मेहनती कार्यकर्ता हैं, जिन्हें पार्टी ने लगातार साइडलाइन किया गया। पार्टी की गुटबाजी के कारण उन्हें घुटन महसूस हो रही थी। भाजपा नेतृत्व में दलित और कमजोर वर्ग का शोषण किया जा रहा है। इसलिए वह कांग्रेस पार्टी (घर वापसी) में जा रहे हैं। जोकि हमेशा से ही दलित और कमजोर वर्ग के लिए काम करती है। कैंथ बीजेपी विचारधारा के साथ नहीं थे : कालिया

मेयर राजेश कालिया का कहना है कि अच्छा है सतीश कैंथ कांग्रेस में शामिल हो गए, क्योंकि वे बीजेपी की विचारधारा के साथ कभी नहीं थे। सिर्फ बीजेपी ही एक ऐसी पार्टी है, जो दलित और कमजोर वर्ग के लिए काम करती है। जीता जागता उदाहरण उनका ही है एक रैग पिकर को भाजपा ने मेयर बना दिया। जबकि कांग्रेस में ऐसा संभव नहीं है। भाजपा हमेशा अनुशासन में रहना सिखाती है। मेयर का उम्मीदवार न बनाने पर हो गए थे बागी

मालूम हो कि सतीश कैंथ को जब भाजपा ने मेयर का उम्मीदवार नहीं बनाया, तो उन्होंने बागी होकर राजेश कालिया के खिलाफ चुनाव लड़ा था। वह कालिया से चुनाव हार गए थे, तब से कैंथ ने कालिया और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।


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