व्यापार मंडल और बिजनेस काउंसिल बोली : हम पार्किंग चलाने को तैयार
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के विभिन्न हिस्सों में पेड पार्किंग को चलाने के लिए शहर की ट्रेडर्स ए
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के विभिन्न हिस्सों में पेड पार्किंग को चलाने के लिए शहर की ट्रेडर्स एसोसिएशन तैयार हो गई हैं। चंडीगढ़ व्यापार मंडल और चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल शहर की विभिन्न मार्केट एसोसिएशनों को लेकर अपने-अपने एरिया में पार्किंग की जिम्मेदारी संभालने को तैयार है। ट्रेडर एसोसिएशनों के अनुसार कांट्रेक्ट रद होने के बाद वह शहर के लोगों को फ्री में पार्किंग की सुविधा देने को तैयार हैं। एमसी की 24 मई को होने वाली हाउस मीटिंग में पार्किंग कांट्रेक्ट रद करने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। मेयर देवेश मोदगिल खुद यह प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं। प्रशासन ने पार्किंग कांट्रेक्ट रद करने का फैसला एमसी हाउस पर ही छोड़ दिया है। मेयर ने स्पष्ट कर दिया है कि कांट्रेक्ट रद होने से केवल एक सूरत में बचेगा, यदि कंपनी पार्किंग फीस को कम करने पर तैयार हो जाती है। ट्रेडर्स एसोसिएशनों के सुझाव पर करेंगे विचार
मेयर देवेश मोदगिल के अनुसार पार्किंग के एजेंडे पर हाउस की मीटिंग में फैसला होने के बाद ही ट्रेडर्स एसोसिएशन के सुझाव पर विचार किया जा सकता है। सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होगा कि एमसी को पार्किंग फीस से मिलने वाले पैसे की भरपाई कहां से होगी। फ्री में प्रदान करेंगे सुविधा
चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल के प्रेसिडेंट नीरज बजाज के अनुसार एमसी को हर मामले में कमाई का नहीं सोचना चाहिए। पार्किंग शहर के लोगों की सुविधा के लिए है। मार्केट एसोसिएशन अपने स्तर पर पार्किंग स्टाफ तैनात करेगी। सेक्टर-22 और 19 में मार्केट एसोसिएशन बेहतर तरीके से पार्किंग चला रही है। सेक्टर-22डी मार्केट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अरविंद जैन के अनुसार यह लोगों के लिए सुविधा है। इससे ट्रेडर्स का कारोबार भी बढ़ेगा। कारोबार बढ़ेगा, तो प्रशासन को रेवेन्यू भी बढ़ा हुआ मिलेगा। चंडीगढ़ व्यापार मंडल के प्रेसिडेंट अनिल वोहरा ने कहा कि एमसी को कोई आपत्ति न हो, तो व्यापार मंडल अपनी सभी मार्केट्स एसोसिएशन को अपने स्तर पर पार्किंग फ्री में चलाने को कहेगा। 25 पार्किंग से हर साल 15 करोड़ का रेवेन्यू
नगर निगम ने आर्य इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 25 पेड पार्किंग अलॉट कर रखी हैं। पार्किंग कांट्रेक्ट रद होता है, तो निगम को 70 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। नगर निगम ने कंपनी के साथ तीन साल के लिए एमओयू साइन किया है। जो 2 साल आगे बढ़ाया जा सकता है। 25 पार्किंग को स्मार्ट बनाकर कंपनी को घंटों के हिसाब से पार्किंग फीस लेने की मंजूरी दी गई है। बदले में कंपनी को हर क्वार्टर 3.69 करोड़ रुपये नगर निगम को देने हैं। साल में 14.76 तो पांच साल में करीब 73 करोड़ रुपये का रेवेन्यू बनता है। ब्याज और पेनल्टी के बाद रकम और बढ़ जाती है। कांट्रेक्ट रद होने से नगर निगम को यह सीधा नुकसान होगा।