चंडीगढ़ में पटाखे जलाने का मामला, कांग्रेस बोली- सूद ने सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए जनता को भ्रमित किया
चंडीगढ़ पुलिस ने दशहरा के दिन रावण दहन पर प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए पटाखे जलाने पर धारा 188 और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दस से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष के आश्वासन के बाद दहशरा पर आतिशबाजी करने पर पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने पर कांग्रेस नेताओं ने विराध जाहिर किया है। पुलिस ने भाजपा के जिला अध्यक्ष मनु भसीन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। युवा कांग्रेस का दावा है कि भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने शहरवासियों को अश्वासन दिया था कि उन्होंने प्रशासक और एडवाइजर से मुलाकात कर कर इस संबंध में बात की है। ऐसे में शहरवासी दशहरा पर पटाखों का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन भाजपा नेताओं पर विश्वास करना जनता को महंगा पड़ गया।
चंडीगढ़ पुलिस ने रावण दहन पर प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए पटाखे जलाने पर धारा 188 और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दस से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। सभी मामले डीसी के आदेशों की अवहेलना करते हुए पटाखे जलाने को लेकर दर्ज किए गए हैं। मालूम हो कि प्रशासन की ओर से दशहरा पर जब पटाखे चलाने पर पाबंदी लगाई थी तो दशहरा आयोजक कमेटियां भी सकते में आ गई थी। उसके बाद भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने बयान जारी कर कहा था कि दशहरे को दशहरे की तरह मनाया जाएगा और हम मनाएंगे। उन्होंने आयोजक कमेटियों को आश्वासन भी दिया था कि प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई भी नहीं की जाएगी। हालांकि दशहरा वाले दिन पुलिस और प्रशासन की ओर से आयोजक कमेटियों को पटाखे जलाने के लिए मना भी किया था, लेकिन कई जगह आयोजक कमेटी के पदाधिकारी नहीं माने। ऐसे में अब मामला दर्ज होने के बाद आयोजक कमेटी के पदाधिकारी नाराज हो गए हैं। वहीं, विरोधी पार्टी के नेता अब इस मामले को तूल दे रहे हैं।
इस पर युवा नेता सुनील यादव और चंडीगढ़ युवा कांग्रेस के महासचिव विनायक बंगीआ ने भाजपा नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सत्ता में होते हुए भी ऐसे गैरजिम्मेदार बयान जारी क्यों किए जा रहे हैं। सस्ती लोकप्रियता के लिए भाजपा नेता ने इस बात का प्रचार किया गया कि उनके पास भी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के ऑर्डर की कॉपी हैं और उसमें कहीं भी पटाखें बेचने और जलाने पर प्रतिबंध का कोई जिक्र नहीं है। भाजपा नेताओं द्वारा प्रशासनिक आदेशों की अवेहलना करने के लिए रामलीला कमेटियों को प्रोत्साहित किया गया। डीसी के आदेश का पालन कराने के लिए शहर के तीनों एसडीएम की तैनाती की गई थी. लेकिन इक्का-दुक्का जगहों को छोड़कर हर जगह प्रशासन के आदेश की धज्जियां उड़ाई गईं है