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ताकि लोग समझे नेचर व‌र्ल्ड को, चंडीगढ़ बर्ड क्लब ने सुखना लेक पर लगाई एग्जीबिशन

लोग प्रकृति से रोज दूर होते जा रहे है। जिसका कारण है कि व‌र्ल्ड नेचर के बारे में जानकारी की कमी। बच्चों के बड़ी उम्र के लोगों को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 01:28 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 01:28 AM (IST)
ताकि लोग समझे नेचर व‌र्ल्ड को, चंडीगढ़ बर्ड क्लब ने सुखना लेक पर लगाई एग्जीबिशन
ताकि लोग समझे नेचर व‌र्ल्ड को, चंडीगढ़ बर्ड क्लब ने सुखना लेक पर लगाई एग्जीबिशन

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : लोग प्रकृति से रोज दूर होते जा रहे है। जिसका कारण है कि व‌र्ल्ड नेचर के बारे में जानकारी की कमी। बच्चों के बड़ी उम्र के लोगों को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसका कारण प्रकृति से विमुख होना है। इसे हम लोगों से दूर नहीं करना चाहते जिसके लिए चंडीगढ़ बर्ड क्लब की तरफ से व‌र्ल्ड फोटो प्रदर्शनी लगाई। यह प्रदर्शनी सुखना लेक के एंट्री प्वाइंट पर रविवार को लगाई गई। जिसमें करीब डेढ़ सौ पशु और पक्षियों की फोटो को डिस्पले किया गया। चंडीगढ़ व‌र्ल्ड क्लब की तरफ से एक फोटो एग्जीबिशन में फोटो प्रतियोगिता भी कराई गई, जिसमें 20 फोटोग्राफर की 60 फोटो को डिस्पले किया गया। हर किसी फोटो में एक अलग ही पक्षी और उसकी सुंदरता को दिखाया गया। बलचर की फोटो को मिला पहला पुरस्कार

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फोटो प्रदर्शनी में हर फोटोग्राफर की तीन फोटो को लगाया गया था। जिसमें विकास की फोटो बलचर को प्रथम पुरस्कार मिला। बलचर के साथ उन्होंने किंग फिशर और पाइड किंगफिशर की फोटो को भी पेश किया गया। विकास ने बताया कि बलचर भारत में बहुत कम पाया जाता है, क्योंकि यह गला-सड़ा मांस खाता है। मास के बीच ऐसी दवाई होती है जो कि इसके लिए घातक होती है। यह पंचकूला में पाया जाता है लेकिन बहुत ही कम मात्रा में। शहरवासी जाने नेचर, इसलिए लगाई एग्जीबिशन

चंडीगढ़ बर्ड क्लब की सेक्रेटरी रीमा ढिल्लों ने कहा कि चंडीगढ़ में भी पक्षियों की कई वैरायटी है, लेकिन हम लोग उस समझते नहीं है। मोर्निग वाक भी कानों में हैडफोन लगाकर करते हैं। जिसके कारण हमें न तो कोई आवाज सुनती है और न ही कोई पक्षी की खूबसूरती। शहर में हर साल सैकड़ों किस्म के पक्षी आते हैं, जोकि प्रवासी होते है। एग्जीबिशन इसलिए लगाई गई है ताकि लोगों को भी समझ आए कि हमारे आसपास भी नेचर व‌र्ल्ड है। यहां पर लगाई गई हर फोटो चंडीगढ़ और इसके आसपास के एरिया की है। जहां पर पक्षियों की भरमार है, लेकिन हम उन्हें देखने के लिए कोई प्रयास ही नहीं करते हैं।


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