चंडीगढ़ के आर्किटेक्चर कॉलेज की बिल्डिंग को पियरे जेनरे ने किया था डिजाइन, मॉर्डन आर्किटेक्चर का अनूठा उदाहरण
आर्किटेक्चर कॉलेज की पहली बिल्डिंग भी खास है। ली कार्बूजिए के कजिन पियरे जेनरे ने यह बिल्डिंग डिजाइन की थी। यह बिल्डिंग मॉर्डन आर्किटेक्चर का अनूठा उदाहरण है। अब नया ब्लॉक भी इसी सिंद्धात को ध्यान में रख डिजाइन किया गया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सेक्टर-12 स्थित आर्किटेक्चर कॉलेज में दो साल पहले ही पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम की शुरुआत हुई थी। इसके बाद से यहां पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए नए ब्लॉक की जरूरत महसूस हो रही थी। लेकिन अब स्टूडेंट्स को नए सेशन से परेशान नहीं होना पड़ेगा। उन्हें नया ब्लॉक मिल गया है। मास्टर्स क्लासेज के लिए कॉलेज में एम आर्क ब्लॉक शुरू हो गया है। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने इस ब्लॉक को स्टूडेंट्स को सौंपा है।
इस मौके पर एडवाइजर धर्म पाल और सेक्रेटरी टेक्निकल एजुकेशन यशपाल गर्ग भी मौजूद रहे। कॉलेज में 2018 में पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम की शुरुआत हुई थी। इसके बाद सांसद किरण खेर 2019 में बिल्डिंग का शिलान्यास किया था। इस बिल्डिंग को 24 महीने में पूरा किया गया है। बिल्डिंग के सिंपलिसिटी स्ट्रक्चर और इस्तेमाल किए गए मेटीरियल को सराहा गया। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संगीता बग्गा मेहता ने अलग-अलग स्टूडियो प्रोजेक्ट की जानकारी दी। इससे रिसर्च वर्क को बढ़ावा मिलेगा। स्टूडेंट्स और फेकल्टी के लिए अतिरिक्त गतिविधियां शुरू हो सकेंगी। यह बिल्डिंग रीइफोर्सड कंक्रीट से तैयार हुई है। ली कार्बूजिए और पियरे जेनरे के सिद्धांत को ध्यान में रख काम किया गया है। इसका आरसीसी बीम और कॉलम स्ट्रक्चर भी खास है। ब्रिक और लाइट इंटीरियर्स भी खास है।
कॉलेज की अलग पहचान
इस कॉलेज की पहली बिल्डिंग भी खास है। ली कार्बूजिए के कजिन पियरे जेनरे ने यह बिल्डिंग डिजाइन की थी। यह बिल्डिंग मॉर्डन आर्किटेक्चर का अनूठा उदाहरण है। अब नया ब्लॉक भी इसी सिंद्धात को ध्यान में रख डिजाइन किया गया है। इसमें स्टूडेंट्स की सभी जरूरतों का ध्यान रखा गया है। साथ ही जेनरे की छाप भी इसमें डालने का काम किया है। शहर की सभी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की बिल्डिंग पियरे जेनरे ने ही डिजाइन की थी। पंजाब यूनिवर्सिटी के गांधी भवन को हेरिटेज का दर्जा दिया गया है।