चंडीगढ़ के लोगों के लिए राहत की खबर, इस साल नहीं लगेगा कोई नया टैक्स
नगर निगम के सदन की बैठक में स्पष्ट कर दिया गया कि इस साल शहरवासियों पर कोई नया टैक्स नहीं थोपा जाएगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। फंड की कमी के बावजूद इस बार नगर निगम का 1260 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया है। यह बजट करीब 725 करोड़ की अतिरिक्त राशि का है। जबकि असल में नगर निगम के पास अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्तीय वर्ष के लिए ग्रांट इन एड और कमाई मिलाकर 525 करोड़ रुपये की राशि ही मौजूद है। विपरीत स्थितियों के बाद भी शहरवासियों के लिए एक राहत की खबर यह है कि बजट पास करने के लिए हुई नगर निगम के सदन की बैठक में स्पष्ट कर दिया गया कि इस साल शहरवासियों पर कोई नया टैक्स नहीं थोपा जाएगा।
वार्ड डेवलेपमेंट फंड 40 से बढ़ाकर 80 लाख हुआ
सदन की बैठक में नगर निगम के पार्षदों ने दबाव डालकर अपना वार्ड डेवलेपमेंट फंड भी 40 से बढ़ाकर 80 लाख कर दिया। वहीं सीनियर डिप्टी मेयर का फंड 30 से बढ़ाकर 50 और डिप्टी मेयर का फंड 20 से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया। हालांकि नगर निगम के कार्यवाहक कमिश्नर और सचिव अनिल गर्ग ने सदन में इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई। कहा कि उनके पास राशि बढ़ाने के लिए फंड नहीं है। कार्यवाहक कमिश्नर संजय झा ने कहा कि तमाम खर्चो के बाद उनके पास सिर्फ 25 करोड़ रुपये की राशि बचती है, इस राशि से या तो शहर के विकास के काम करवा लिए जाएं या फिर पार्षद अपना फंड दोगुना कर ले, लेकिन पार्षदों ने कमिश्नर की बात नहीं मानी।
प्रशासन से मांगेंगे अतिरिक्त ग्रांट : मेयर
मेयर राजेश कालिया का कहना है कि अतिरिक्त ग्रांट प्रशासन से मांगी जाएगी। वैसे बजट में सभी वर्गों के लोगों का ध्यान रखा गया है। नगर निगम को वित्तीय संकट का सामना नहीं करने दिया जाएगा। अतिरिक्त ग्रांट के लिए प्रशासक वीपी सिंह बदनौर से मिला जाएगा। नगर निगम पर वित्तीय संकट का खतरा कमिश्नर ने कहा कि पिछले साल जो गो सेस और बिजली पर सेस लगाने का फैसला लिया गया है, उस पर प्रशासन की मंजूरी नहीं मिली है। मंजूरी मिलने के बाद उसे लागू कर दिया जाएगा। बजट में दावा किया गया है कि इस साल दो हजार किमी की सड़कों की कारपेटिंग की जाएगी। जरूरी खर्चें के बाद सिर्फ 25 करोड़ की राशि बचने के कारण नगर निगम में वित्तीय संकट जल्द शुरू होना तय हो गया है।
पानी की किल्लत दूर करने के लिए टैंक निर्माण का सुझाव
बैठक में पूर्व मेयर अरुण सूद ने कहा कि इस समय भाखड़ा से पानी की सप्लाई बंद होने पर शहर में सिर्फ आधे दिन की पानी की सप्लाई की स्टोरेज है। ऐसे में तीन दिन के पानी के लिए स्टोरेज टैंक बनाया जाए। इस समय लीकेज के कारण जो पानी बर्बाद हो रहा है उसे भी रोका जाए।
किसके लिए कितना बजट
बिल्डिंग एंड रोड: 12000 लाख रुपये
सिविक वर्क्स: 1700 लाख
वाटर सप्लाई सिस्टम: 5000 लाख
सीवरेज: 3000 लाख
वाटर ड्रेनेज सिस्टम: 500 लाख
बिजली: 2500 लाख
लैंड स्केपिंग और बागवानी: 900 लाख
नॉन रेजिडेंश्यल: 1850 लाख
गांवों के विकास पर: 2800 लाख
ईडब्ल्यूएस काॅलोनियों के लिए: 1700 लाख
सॉलिड वेस्टमैनेजमेंट: 6360 लाख
फायर एंड इमरजेंसी: 570 लाख
भूमि अधिग्रहण: 500 लाख
ट्रांसपोर्ट सेक्शन: 500 लाख
नए वाहनों की खरीद: 4275 लाख
वार्ड डेवलेपमेंट फंड: 1560 लाख
स्वच्छ भारत मिशन: 125 लाख
रेजिडेंशियल इमारतों पर: 250 लाख
प्राइमरी स्वास्थ्य: 100 लाख
प्राइमरी शिक्षा: 100 लाख
बबला बोले- यह भाजपा का जुमला बजट
कांग्रेस पार्षद दल के नेता देवेंद्र सिंह बबला का कहना है कि जो बजट पास किया गया है वह भाजपा का जुमला बजट है। 525 करोड़ की राशि होने पर करीब 1300 करोड़ का बजट पास कर दिया गया यह सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए किया गया है। उनका कहना है कि भाजपा के राज में नगर निगम में वित्तीय संकट गरमा गया है।