पंजाब में बाढ़ के हालात, नदियों में उफान व पौंग डैम लबालब होने से खतरा बढ़ा
पंजाब में बारिश तो अब बारिश रुक गई है और मौसम साफ हो गया है, लेकिन नदियां अब भी उफान पर हैं। कई क्षेत्रों में नदियों का पानी आबादी क्षेत्रों में घुस गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में मौसम साफ होने से भले ही लोगों ने राहत की सांस ली हो, लेकिन बाढ़ का खतरा अब भी बरकरार है। प्रदेश की सतलुज, रावी, ब्यास व घग्गर नदियां उफान पर हैैं। राज्य के कई जिलों में नदियों का पानी आबादी वाले क्षेत्रों में घुस गया है। विभिन्न राज्य में करीब एक दर्जन गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वह तरनतारन के सीमावर्ती गांवों का जायजा लेने पहुंचे।
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह बाढ़ग्रस्त गांवों में पहुंचे, हालात का जायजा लिया
राज्य सरकार की चिंता पौंग डैम के पानी को लेकर भी है। यह डैम लगभग भर गया है और यहां से पानी छोड़े जाने पर होशियारपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को दाेपहर बाद तरनतारन जिले के सीमावर्ती गांवों का जायजा लेने पहुंचे। पिछले दिनों हुई मूसलधार बारिश कारण पंजाब में पैदा हुए बाढ़ के हालातों के मद्देनजर मुख्यमंत्री राज्य का जायजा लेने निकले हैं।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने तरनतारन पहुंचे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह।
कैप्टन अमरिंदर के साथ विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर, हरमिंदर सिंह गिल, धर्मबीर अग्निहोत्री के अलावा डीसी प्रदीप कुमार, एसएसपी दर्शन सिंह मान और अन्य अधिकारी भी थे| मुख्यमंत्री ने विभिन गांवों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार जनता के जान और माल की पूरी रखवाली करने की वचनबद्ध है |
उन्होंने कहा कि पूर्व शिअद-भाजपा सरकार ने बाढ़ जैसे हालात न पैदा होने देने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया। कांग्रेस सरकार की स्थिति पर पूरी नजर है और बाढ़ की हालत से निपटने के पूरे प्रबंध किए गए हैं। कैप्टन ने सीमावर्ती इलाके में बाढ़ के हालात से निपटने लिए किए गए प्रबंधों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाक़े की जनता ने हमेशा दुःख की घड़ी में देश और सूबे का साथ दिया है | ऐसे में इन लोगों को कोई मुश्किल नहीं आने दी जाएगी।
प्रदेश में तीन दिन में 200 मिलीमीटर बारिश, अब मौसम साफ होने से राहत
प्रदेश में तीन दिनों में जमकर बारिश हुई। इस दौरान 200 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे नदियों में उफान आ गया। इसके साथ ही विभिन्न इलाकों में बारिश का पानी भर गया। शहरी क्षेत्रों में भी सड़कों व कालोनियों में पानी भर जाने से लोगों काे परेशानी का सामना करना पड़ा।
फिरोजपुर के हरिके पत्तन हेड में पानी का उफान।
फिरोजपुर के हरिके पत्तन हेड में 37152 क्यूसिक पानी व्यास-सतलुज के रास्ते पहुंचा। हरिके हेड से डाऊन में हुसैनीवाला हेड की ओर 29541 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। शेष पानी राजस्थान व फिरोजपुर फीडर में नहरी विभाग द्वारा छोड़ा जा रहा है। हरिके हेड में पहुंचा यह पानी पौंग व भाखड़ा बांध का नहीं बल्कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुई बारिश का है।
डैमों की स्थिति
पौंग डैम : जलस्तर खतरे के निशान से 1.68 फीट नीचे है। मंगलवार को जलस्तर 1388.32 फीट था, जबकि क्षमता 1390 फीट है। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के मुताबिक अभी गेट खोलने का कोई विचार नहीं है। पहाड़ी क्षेत्रों में और बारिश हुई तो डैम का जलस्तर बढ़ सकता है। ऐसे में पानी छोड़ने की नौबत आ जाएगी और इससे पंजाब के कई क्षेत्रों में समस्या पैदा हो जाएगी।
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भाखड़ा डैम : बारिश और हिमाचल प्रदेश से पानी आने के कारण भाखड़ा नंगल डैम में जलस्तर बढ़ गया है। वैसे डैम में पानी अभी खतरे के निशान से 21.55 फीट नीचे है। लेकिन और बारिश हुई तो समस्या पैदा हाे सकती है।
बाढ़ की स्थिति से निपटने को पांच सदस्यीय सेल गठित
बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए राज्य के राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग ने चंडीगढ़ मुख्यालय में पांच सदस्यीय 'स्टेट डिजास्टर रिस्पांस सेल' गठित कर दिया है। मुख्य सचिव सह वित्तीय कमिश्नर (राजस्व) एमपी सिंह ने बताया कि सेल का नेतृत्व राजस्व विभाग के विशेष सचिव मनस्वी कुमार करेंगे। निगरान व मूल्यांकन अधिकारी (एमईओ) प्रदीप सिंह बैंस इंचार्ज होंगे। अवर सचिव (राजस्व) बलजीत सिंह कंग व मनजीत कौर और प्रोजेक्ट मैनेजर पीएलआरएस सुनीता ठाकुर इस सेल के सदस्य होंगे।
रूपनगर के पास सतलुज नदी में आया उफान।
तरनतारन के गांवों में ब्यास दरिया पानी, प्रशासन अलर्ट
तीन दिन हुई बारिश का असर सतलुज व ब्यास दरिया के संगम हरिके पत्तन हेड वर्क्स पर दिखाई दिया। हरिके पत्तन हेड वर्क्स में अप स्ट्रीम में 44 हजार क्यूसिक पानी रिकार्ड किया गया। डाउन स्ट्रीम में 32 हजार क्यूसिक पानी रिकॉर्ड किया गया। हरिके पत्तन हेड वर्क्स के साथ लगते गांव कुत्तीवाला और सभरां में ब्यास दरिया का पानी भरना शुरू हो गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने हालात का जायजा लिया और प्रभावितों को सुरक्षित स्थान जाने का कहा।
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2880 हेक्टेयर में धान और 240 हेक्टेयर रकबे में नष्ट हुआ चारा
बारिश के कारण तरनतारन जिले में 2880 हेक्टेयर रकबे में धान की फसल और 240 हेक्टेयर पशुओं का चारा नष्ट हुआ है। जिला कृषि अधिकारी हरविंदरजीत सिंह ने बताया कि पूरे जिले में हुई मूसलधार बारिश के बाद कृषि विभाग द्वारा जिले के सब डिविजन पट्टी, भिखीविंड, तरनतारन, खडूर साहिब का सर्वे किया गया जिसमें अधिक तौर पर धान की फसल का नुकसान हुआ है। पशुओं के चारे को भी नुकसान पहुंचा है।
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