अगले साल से शुरू होगा पांचवीं और आठवीं कक्षा का बोर्ड, प्रपोजल के लिए गठित होगी कमेटी
शिक्षा विभाग पांचवीं और आठवीं में बोर्ड शुरू करेगा। क्वालिटी एजुकेशन में फर्क पड़ेगा और विभाग को दसवीं और 12वीं कक्षा के कम परिणाम को झेलने से राहत मिलेगी।
जेएनएन, चंडीगढ़ : शहर के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पांचवीं और आठवीं कक्षा में स्टूडेंट्स को भी अब बोर्ड की परीक्षा से गुजरना पड़ सकता है। ऐसे में बिना पढ़ाई किए पास होना संभव नहीं। इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इससे संबंधित प्रपोजल शिक्षा विभाग मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स को जल्द ही भेजेगा। पांचवीं और आठवीं में बोर्ड शुरू होने से क्वालिटी एजुकेशन में फर्क पड़ेगा और विभाग को दसवीं और 12वीं कक्षा के कम परिणाम को झेलने से राहत मिलेगी। यह निर्णय राइट टू एजुकेशन एक्ट में संशोधन के बाद लिया गया है।
वर्ष 2010 में बंद हुआ था बोर्ड
2009 तक पांचवीं और आठवीं कक्षा का बोर्ड हुआ करता था। यदि स्टूडेंट््स बोर्ड की परीक्षा को पास नहीं करता था तो उसे अगली क्लास में नहीं जाने दिया जाता था। उसी साल नो डिटेंशन पॉलिसी के आने से दसवीं कक्षा तक का बोर्ड खत्म हो गया था। इसके अनुसार आठवीं कक्षा तक किसी भी स्टूडेंंट््स को फेल नहीं करना था। इसी प्रकार दसवीं क्लास को भी सीजीपीए सिस्टम से पास होना था। इसके बाद नवंबर 2018 में नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म करने का प्रपोजल आया था। इसमें क्लीयर किया गया था कि संबंधित बोर्ड अपनी सुविधा अनुसार इसे खत्म कर सकता है। विभाग की तरफ से प्रपोजल पर काम पूरा कर लिया है। हालांकि इसके लिए एक कमेटी का गठन होना अनिवार्य है। इसलिए विभाग 8 फरवरी तक कमेटी का गठन करेगा और 11 फरवरी के बाद किसी भी समय प्रपोजल को गृह मंत्रालय को भेज दिया जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे इसी साल लागू किया जा सकेगा।
बोर्ड एग्जाम के लिए विभाग करेगा विशेष तैयारी
पांचवीं और आठवीं कक्षा को बोर्ड का दर्जा देने के बाद स्टूडेंट््स को मोटिवेट करने और पढऩे की आदत को डालने के लिए विभाग विशेष तैयारियां भी करेगा। इसके लिए टीचर्स को एक्सट्रा क्लासें भी लगानी पड़ सकती है। पढ़ाने के समय में बढ़ोतरी हो सकती है। स्टूडेंट््स को मोटिवेट करने के लिए टीचर्स की वर्कशॉप भी आयोजित होगी। ताकि मार्च 2020 में होने वाले एग्जाम में परेशानी का सामना न करना पड़े।