कारगिल युद्ध के समय टीवी पर विज्ञापन देख शुरू किया रक्तदान, अब तक 52 बार दे चुके हैं खून
संजीव बताते हैं कि यह पहला मौका था जब उन्होंने अपने जीवन में रक्तदान किया था। इसके बाद उन्होंने नियमित रूप से रक्तदान करना शुरू कर दिया
चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। कारगिल युद्ध के समय घायल सैनिकों के इलाज के लिए खून की जरूरत थी, टीवी पर इसका विज्ञापन आया तो पंचकूला में रहने वाले संजीव गर्ग चंडीमंदिर स्थित आर्मी अस्पताल में खून देने के लिए चले गए। संजीव बताते हैं कि यह पहला मौका था, जब उन्होंने अपने जीवन में रक्तदान किया था। इसके बाद उन्होंने नियमित रूप से रक्तदान करना शुरू कर दिया। अभी तक वह 52 बार रक्तदान कर चुके हैं।
संजीव ने अपनी प्ररेणा से 15 अन्य युवक भी ब्लड डोनेशन के लिए तैयार किए हैं। वह जब भी ब्लड डोनेट करने के लिए जाते हैं तो अपने साथ एक ऐसे युवक को ले जाते हैं जिसने कभी ब्लड डोनेट नहीं किया होता है। अबतक 15 ऐसे युवक तैयार कर चुके हैं जोकि अब नियमित रूप से ब्लड डोनेट करते हैं। संजीव कहते हैं कि उनकी पत्नी विजय लक्ष्मी भी नियमित रूप से ब्लड डोनेट करती हैं। ब्लड डोनेट करने के बाद आपको अंदर से संतोष होता है कि आप मानवता की सेवा के लिए कुछ कर पाए। मैं जीवनभर इस सिलसिले को कायम रखना चाहता हूं।
साहिल जैन भी 21 बार डोनेट कर चुके हैं ब्लड
चंडीगढ़ के रहने वाले साहिल जैन ने बताया कि पहले वह संजीव गर्ग के साथ काम करते थे, उन्हीं की प्ररेणा से मुझे रक्तदान करने का हौसला आया। साहिल बताते हैं कि वो तो सुई लगने से डरते थे, लेकिन अब उन्हें रक्तदान करने के लिए तलब लगी रहती है। अब वह हर तीन महीने बाद पीजीआइ में जाते हैं और रक्तदान करते हैं। पीजीआइ में हमेशा जरूरतमंदों का तांता लगा रहता है, इसलिए वह वहीं जाकर ब्लड डोनेट करते हैं। इसके अलावा वह एक बार प्लेटलेट्स भी डोनेट कर चुके हैं। साहिल बताते हैं कि रक्त की जरूरत हमेशा इमरजेंसी में होती है, रक्तदान जीवनदान देने जैसा है, हम सभी को नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए।