रेहड़ी मार्केट के बूथों का अचानक हजारों गुना किराया बढ़ाने के विरोध में आए भाजपा अध्यक्ष
सूद ने कहा कि अचानक कियारा बढ़ाने की बजाय अगर समय-समय पर इसमें बढ़ोतरी होती रहती तो लोगों को 17 हजार रुपए का बोझ न डाला जाता।
चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। सेक्टर-23 की रेहड़ी मार्केट के बूथों का किराया हजारों गुना बढ़ाने के खिलाफ भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद आ गए हैं, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान को देखते हुए 14 रुपये भी किराया नहीं होना चाहिए। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद का कहना है कि इतने सालों तक किराया बढ़ाने का प्रयास नहीं किया गया क्या अब तक कर्मचारी भी सोए रहे थे। उनका कहना है कि अगर समय-समय पर किराया बढ़ता रहता, तो एक दम से 17 हजार रुपए का बोझ न डाला जाता।
भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद का कहना है कि मात्र 14 रुपये प्रति माह किराया भी गलत है और उतना ही किराया बढ़ना चाहिए जो वाजिब हो। सूद का कहना है कि इस समय की कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए नगर निगम को किराया बढ़ाने का फैसला नहीं लेना चाहिए। उनका कहना है कि इस बारे में वह अधिकारियों से बात करेंगे।
मालूम हो कि नगर निगम की वित्त एवं अनुबंध कमेटी की बैठक में सोमवार को नगर निगम ने सेक्टर-23 की रेहड़ी मार्केट के बूथ मालिकों पर हजारों गुना किराए का बोझ डाल दिया था। एक दम से बढ़ाकर 17 हजार रुपये प्रति माह कर दिया है। इसके साथ ही 18 फीसद जीएसटी अलग से चार्ज किया जाएगा।जो कि 3060 रुपये बनता है। ऐसे में हर बूथ का किराया 20 हजार 60 रुपये हो गया है। अगर अगले माह मिनिटस में यह प्रस्ताव पास हो गया था तो इस बढ़े हुए किराए को लागू माना जाएगा।वहीं सेक्टर-23 की मार्केट एसोसिएशन में नगर निगम के इस फैसले के विरोध में रोष है।एसोसिएशन ने अपने पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है।एसोसिएशन के सदस्य वार्ड पार्षद सुनीता धवन को भी संपर्क कर रहे हैं।
शहर की सबसे पुरानी मार्केट, जहां मशहूर गोल गप्पे वाला
यह शहर की सबसे पुरानी मार्केट है। इस मार्केट में शहर की सबसे मशहूर गोल गप्पे की दुकान भी है। यहां पर बूथ साल 1971 में उस समय रेहड़ी पर काम करने वाले दुकानदारों को अलॉट किए गए थे। उस समय संपदा विभाग ने यह बूथ अलॉट किए थे लेकिन साल 2004 में यह प्रापर्टी नगर निगम को ट्रांसफर हुई थी तब से लेकर नगर निगम भी किराया रिवाइज करने को भूला हुआ था अब एक दम से इतना किराया बढ़ाने का प्रस्ताव सोमवार को नगर निगम की वित्त एवं अनुबंध कमेटी ने पास कर दिया है। नगर निगम के इस फैसले से यहां के बूथ संचालकों की मुश्किलें बढ़ गई है। यहां पर कुल 48 बूथ है।साल 1971 में उस समय जिन अलॉटियों को दुकानें अलॉट हुई थी उनमे से अधिकतर अब इस दुनिया में नहीं है।अब उनके बच्चें यहां पर दुकानें चला रहे हैं।
प्रगति रेहड़ी मार्केट एसोसिएशन के चेयरमैन जगमोहन विज का कहना है कि नगर निगम को अपने लिए हुए फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। उनका कहना है कि एक दम से इतना किराया बढ़ाने से व्यापारियों की टेंशन बढ़ गई है। उनका कहना है कि अधिकारियों और पार्षदों से उन्हें उम्मीद है कि उन्हें राहत दी जाएगी।