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रैग पिकर से बीजेपी के मेयर कैंडिडेट बने कालिया

जी हां, कई साल पहले कालिया शहर में कचरा बीनने का काम करते थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 07:59 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 07:59 AM (IST)
रैग पिकर से बीजेपी के मेयर कैंडिडेट बने कालिया
रैग पिकर से बीजेपी के मेयर कैंडिडेट बने कालिया

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : भाजपा के मेयर पद के उम्मीदवार राजेश कालिया, जोकि नगर निगम की बागड़ोर संभालने की तैयारी कर रहे हैं। असल में वे रैग पिकर रह चुके हैं। जी हां, कई साल पहले कालिया शहर में कचरा बीनने का काम करते थे। कालिया डड्डूमाजरा के डं¨पग ग्राउंड में कचरे में से कागज और बिकने वाला सामान इकट्ठा करके उन्हें बेचकर अपना घर चलाते थे। यहां तक कि राजेश कालिया पंजाब पुलिस में भर्ती हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। कालिया डड्डूमाजरा में ही रहते हैं। वे तीन भाई और तीन बहनें हैं। उनके पिता पंजाब सरकार से सेवादार के पद से रिटायर्ड हो चुके हैं। कालिया की तीन बेटियां हैं। उम्मीदवार बनने के बाद भी राजेश कालिया ने कहा कि जिस डं¨पग ग्राउंड में कचरा बीनने का काम कर चुके हैं, उस डं¨पग ग्राउंड से डड्डूमाजरा के लोगों को निजात दिलवाई जाएगी। डड्डूमाजरा में कचरे का पहाड़ बन रहा चुनौती

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मालूम हो कि डड्डूमाजरा में इस समय कचरे का पहाड़ लगातार बनता जा रहा है। कालिया नगर निगम की सदन की बैठक में कई बार यहां से डं¨पग ग्राउंड शिफ्ट करने की मांग कर चुके हैं। कालिया का भी मानना है कि जेपी गारबेज प्लांट में कचरा प्रोसेस न होने के कारण डं¨पग ग्राउंड में कचरा बढ़ता जा रहा है, जिस कारण डड्डूमाजरा में लोगों को बीमारी लग रही है। पहलवानी का भी शौक रहा कालिया को

राजेश कालिया को पहलवानी का भी शौक रहा है। 2002 तक वह सेक्टर-25 में लगने वाले अखाड़े में आते थे। यहां पर भाजपा के एसी मोर्चा के नेता किशन कुमार पहलवानी का अखाड़ा लगाते थे। यहां तक कि कालिया के खिलाफ पुलिस थाने में कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। पुलिस की ओर से उन्हें बैड कैरेक्टर का भी दर्जा दिया हुआ था। लेकिन इस समय कालिया के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। भाजपा में एसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं कालिया

कालिया भाजपा में एसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। कालिया पिछले 30 साल से भाजपा और आरएसएस के साथ जुड़े हुए हैं। 2011 में हुए नगर निगम चुनाव में कालिया ने डं¨पग ग्राउंड के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था, जिसके बाद उन्हें डड्डूमाजरा से भाजपा की टिकट भी मिली थी, लेकिन वे चुनाव हार गए थे। पिछले नगर निगम चुनाव में कालिया ने मलोया से चुनाव लड़ा और वह चुनाव जीत गए। डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन की हड़ताल को दिया था समर्थन

नगर निगम डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्टरों को अपने अधीन लेकर शहर में काम करवाना चाहता है। जिसके विरोध में पार्षद राजेश कालिया हैं। पिछले साल डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्टरों ने नगर निगम के इस प्रस्ताव के विरोध में प्रदर्शन और हड़ताल की थी, जिसका कालिया ने भी समर्थन किया था। इसी कारण अभी तक शहर में सेग्रीगेशन भी शुरू नहीं हो पाई है।

कैंथ चलाते थे टैक्सी

भाजपा से बागी होकर मेयर का नामांकन भरने वाले सतीश कैंथ 30 साल पहले खुद टैक्सी चलाते थे। इस समय वह ट्रासपोर्टर हैं। कैंथ पलसौरा से पार्षद हैं। कांग्रेस पार्टी में रहते हुए उन्हें दो बार टिकट मिली, लेकिन साल 2006 में वह रामदरबार से चुनाव हार गए, जबकि साल 2011 में हुए चुनाव में वह कॉलोनी नंबर-4 से चुनाव जीत गए। कैंथ नगर निगम के दो बार डिप्टी मेयर के पद पर भी रह चुके हैं। सतीश कैंथ हल्लोमाजरा में रहते थे। कैंथ पर साल 2016 में प्लॉट कब्जा करने का मामला दर्ज हो चुका है, लेकिन दोनों पक्षों में सहमति के बाद मामला खारिज हो चुका है। कांग्रेस की शीला चलाती हैं बैडबाजे का कारोबार

कांग्रेस से मेयर पद की दावेदार शीला फूल ¨सह धनास से पार्षद हैं। वह भी पिछले कार्यकाल में दो बार डिप्टी मेयर रह चुकी हैं। शीला फूल ¨सह खुद बैंडबाजे का कारोबार करती हैं। उनकी सेक्टर-23 में कृष्णा बैंड की दुकान है। जबकि उनके पति की 15 साल पहले मौत हो चुकी है। शीला फूल ¨सह तीसरी बार नगर निगम की पार्षद बनी हैं। शीला फूल ¨सह सेक्टर-38 वेस्ट में अपने परिवार के साथ रहती हैं।


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