Bipin Rawat Helicopter Crash एक महीना पहले टीबीआरएल पंचकूला आए थे बिपिन रावत, ये थी उनकी प्लानिंग
Bipin Rawat Helicopter Crash केजे सिंह ने बताया कि सीडीएस बिपिन रावत उनके साथ मध्य प्रदेश के मऊ में हायर कमांड कोर्स किया था वह उनसे एक साल जूनियर थे। इसके बाद वह यूएन के मिशन कांगो में भी एक साथ रहे।
विकास शर्मा, चंडीगढ़। Bipin Rawat Helicopter Crash भारतीय सेना के आधुनिकीकरण के लिए पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (Chief of Defense Staff General Bipin Rawat) को हमेशा याद किया जाता रहेगा। बिपिन रावत अलग -अलग 17 कमांड को एक यूनिफाइड फोर्स में लाने की प्लानिंग कर रहे थे। यह कहना है हरियाणा सरकार में सूचना आयुक्त व रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल केजे सिंह का।
केजे सिंह ने बताया कि सीडीएस बिपिन रावत उनके साथ मध्य प्रदेश के मऊ में हायर कमांड कोर्स किया था, वह उनसे एक साल जूनियर थे। इसके बाद वह यूएन के मिशन कांगो में भी एक साथ रहे। एक महीने पहले टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेट्री (टीबीआरएल) रामगढ़ (पंचकूला) में मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। इस दौरान हमने करीब दो से तीन घंटे एक साथ बताए, लंच भी एक साथ किया। इस पूरे समय में बिपिन रावत ने उन्हें बताया कि कैसे वह अलग-अलग 17 कमांड को एक यूनिफाइड फोर्स में लाने की प्लानिंग कर रहे हैं। सच में मुझे पता होता कि यह बिपिन रावत के साथ उनकी आखिरी मुलाकात है तो जरूर उन्हें एक बार जोर से गले लगा लेता।
रक्षा मंत्री के साथ एनवायरमेंट टेस्ट फैसिलिटी का उद्घाटन किया था
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत 28 अक्टूबर को टीबीआरएल रामगढ़ (पंचकूला) आए थे। इस दौरान उन्होंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ एनवायरमेंट टेस्ट फैसिलिटी का उद्घाटन किया था। इस दौरान अपने संबोधन में बिपिन रावत ने विभिन्न प्रौद्योगिकी के विकास में टीबीआरएल के प्रयासों की सराहना की थी। उन्होंने कहा था कि इन तकनीक की मदद से हमारी सेनाएं दुश्मनों की ओर से पेश की जाने वाली सभी चुनौतियों का मुकाबला करने में पूरी तरह सक्षम होंगी। हमारे प्रतिद्वंद्वी देश तेजी से तकनीक की दिशा में बढ़ रहे हैं। ऐसे में हम अपनी तकनीक को मजबूत करने के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकते हैं। सीडीएस जनरल बिपिन रावत का जोश देखते ही बनाता था। चीन हो या पाकिस्तान बिपिन रावत अपनी सटीक भाषा शैली व आत्मविश्वास से भारतीय सैनिकों के उत्साह को चौगुना कर देते थे।
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"बुधवार को हुए हादसे में उनके मित्र बिग्रेडियर लखविंदर सिंह लिद्देर का भी निधन हो गया। वह बिपिन रावत के स्टाफ ऑफिसर थे। हमने मऊ (मध्य प्रदेश) में यंग ऑफिसर का कोर्स एक साथ किया था, वह मेरी शादी में आए हुए थे। वह काबिल अफसर थे और हमें पूरा विश्वास था कि वह जरूर जनरल बनेंगे।
- आरएस चहल, रिटायर्ड कर्नल।
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"सीडीएस बिपिन रावत के निधन से काफी आहत हूं। उन्हें अपनी सैन्य सेवाओं के लिए कई मेडल मिले हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सशस्त्र बलों के लिए, देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए, पूर्व सैनिकों से जुड़ी दिक्कतों को हल करने के लिए व उनकी पेंशन बढ़ाने संबंधी कई ऐसे काम किए हैं, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।
- सतीश भाटिया, रिटायर्ड विंग कमांडर।