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राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अब चंडीगढ़ आएंगे हरीश रावत, बोले- पार्टी नेतृत्‍व का फैसला अंतिम होगा

Punjab Congress कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर पार्टी का राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व फैसला अंतिम होगा। वह एक-दो दिन में चंडीगढ़ जाएंगे। हरीश रावत आज कांग्रेस के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी से मिले।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 28 Aug 2021 11:36 AM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 06:51 PM (IST)
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद अब चंडीगढ़ आएंगे हरीश रावत, बोले- पार्टी नेतृत्‍व का फैसला अंतिम होगा
नई दिल्‍ली में राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत। (एएनआइ)

चंडीगढ़ / नई दिल्‍ली, जेएनएन/एएनआइ। Punjab Congress Dispute: पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि पार्टी आलाकमान का फैसला आखिरी होगा। वह (हरीश रावत) अब एक-दो दिन में चंडीगढ़ आएंगे। वह मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित सभी खेमे के नेताओं से मिलेंगे।

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 मनीष तिवारी ने सिद्धू पर साधा निशाना, आलाकमान पर भी तंज

दूसरी ओर, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पंजाब से सांसद मनीष तिवारी ने नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा। उन्होंने सिद्धू के ईंट से ईंट बजाने वाले बयान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वह कत्‍ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती।' मनीष तिवारी ने इस ट्वीट से सिद्धू पर निशाना साधा है तो इसे आलाकमान पर भी तंज माना जा रहा है। बता दें कि मनीष तिवारी सीएम कैप्‍टन अमरिंदर के करीबी हैं और पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष पद के दावेदार थे, लेकिन यह पद सिद्धू के हिस्‍से में आया। तिवारी पहले भी सिद्धू पर निशाना साधते रहे हैं।

बता दें कि पंजाब मेें सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ चार मंत्रियों और करीब दो दर्जन विधायकों बगावत के बीच पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत पार्टी के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी से मिले। इससे पहले रावत ने शुक्रवार को पार्टी की कार्यवाहक राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को पंजाब कांग्रेस की हालत के बारे में विस्‍तृत जानकारी दी थी।

राहुल गांधी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में रावत ने कहा कि पूरे प्रकरण में कांग्रेस नेतृत्‍व का फैसला अंतिम होगा। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी के तौर पर अपने कार्य करने काे लेकर रावत ने कहा कि वह पार्टी हाईकमान के निर्देश का पूरी तरह पालन करेंगे। रावत ने कहा, मैं एक-दो दिन मेें चंडीगढ़ जाऊंगा और पूरे मामले मेें पार्टी के नेताओं से मिलूंगा। मैं मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिं‍ह सिद्धू से बात करुंगा। उम्‍मीद है कि सारे मसले का समाधान हो जाएगा।

इसके साथ ही हरीश रावत ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह का विरोध करने वाले मंत्रियों और विधायकों के बारे में पत्रकारों से कहा कि इस मामले में बगावत जैसी कोई बात नहीं हैं। ये सभी (विरोध करने वाले नेता) बेहद नम्र और शालीन हैं। उनको बागी कहना गलत है।

उत्‍तराखंड में भी 2022 में विधानसभा चुनाव‍ होने के मद्देनजर पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बने रहने के बारे में पूछे जाने पर हरीश रावत ने कहा कि यदि आलाकमान का आदेश हुआ तो मैं निश्चित तौर पर इसे निभाऊंगा। पार्टी आलाकमान की ओर से जाे भी जिम्‍मेदारी दी जाएगी उसे मैं निभाऊंगा।

माना जा रहा है कि राहुल गांधी से हरीश रावत की मुलाकात पंजाब कांग्रेस के नजरिये से बेहद अहम है। पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा आलाकमान को ईंट से ईंट बजाने की धमकी वाले वीडियाे का मुद्दा भी रावत और राहुल गांधी की बैठक में उठेगा।

उधर जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले दिल्‍ली गए तीन बागी मंत्री भी आलाकमान से मिलने की कोशिश में लगे हैं, लेकिन उनको न तो राहुल गांधी और न ही साेनिया गांधी से मिलने का समय दिया जा रहा है। दूसरी ओर, बताया जाता है कि सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के करीबी बागी खेमे में नजर आए विधायकों से संपर्क कर अपने पाले में लाने की कोशिशों में जुटे हैं।

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह का खेमा दो दिन पहले अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर चुका है और डिनर में 58 विधायकों के जुटने से पूरे मामले में आश्‍वस्‍त नजर आ रहा है। कल शाम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्ठल से भी मुलाकात की थी।

बता दें कि पिछले दिनों पंजाब के चार मंत्रियोंं तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर‍ सिंह रंधावा , सुखबिंदर सिंह सरकारिया और चरणजीत सिंह चन्‍नी सहित करीब दो दर्जन विधायकों ने बैठक कर सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत कर दी थी। ये नेता पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे के माने जाते हैं। इन नेताओं ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ भी बैठक की। इसके बाद सिद्धू ने कहा कि पूरे मामले से आलाकमान को अवगत कराएंगे। 

तीन दिन पहले पांच से सात नेता देहरादून पहुंचे और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत से मिले। बताया जाता ह‍ै कि वहां उन्‍होंने रावत को पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी देने के साथ ही सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह में विश्‍वास न होने की बात कही और उनको बदलने की मांग की। मुलाकात के बाद हरीश रावत ने असंतुष्‍ट नेताओं और नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे को झटका दे दिया और साफ कहा कि पंजाब में 2022 का विधानसभा चुनाव कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्‍व में ही लड़ा जाएगा।


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