भारतीय मजदूर संघ ने RTI दाखिल कर चंडीगढ़ प्रशासन से पूछे कई सवालों के जवाब
भारतीय मजदूर संघ (कांट्रैक्ट व आउटसोर्स कर्मचारियों) यूनिट पंजाब व चंडीगढ़ के प्रभारी तरनदीप सिंह ग्रेवाल ने आरटीआइ द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन से कुछ सवालों के जवाब मांगे है। चंडीगढ़ प्रशासन बीस वर्ष में ठेकेदार के माध्यम से अभी तक विभिन्न विभागों में लगभग 80 फीसद आऊटसोर्सिंग कर्मचारी भर चुका है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में विभिन्न कर्मचारी संगठन लगभग एक दशक से कांट्रैक्ट इंप्लाइज व आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों की मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन आज तक चंडीगढ़ प्रशासन की अफसरशाही ने उनकी मांगों पर कोई उचित कार्रवाई नहीं की। इस बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय मजदूर संघ (कांट्रैक्ट व आउटसोर्स कर्मचारियों) यूनिट पंजाब व चंडीगढ़ के प्रभारी तरनदीप सिंह ग्रेवाल ने आरटीआइ द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन से कुछ सवालों के जवाब मांगे है।
आरटीआइ में विशेष रूप से प्रशासन से यह बात पूछी है कि बीस-बीस वर्षों से प्रस्तावित पद पर काम कर रहे कांट्रेक्ट कर्मचारियों के लिए रेगुलराइजेशन पॉलिसी क्यों नहीं बनाई गई। चंडीगढ़ प्रशासन कर्मचारियों पर पंजाब सरकार के नियम लागू करता है तो पंजाब की वर्ष 2011 के कांट्रेक्ट इंप्लाइज को रेगुलर करने की पाॅलिसी क्यों नहीं अपना रहा। चंडीगढ़ प्रशासन पिछले बीस वर्ष में ठेकेदार के माध्यम से अभी तक विभिन्न विभागों में लगभग 80 फीसद आऊटसोर्सिंग कर्मचारी भर चुका है। इन कर्मचारियों की सुरक्षा का भी कोई प्रावधान नहीं है।
प्रभारी तरनदीप सिंह ग्रेवाल ने बताया कि आरटीआइ में उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन से कई सवाल किए है। इनमें विभागों में की जा रही कांट्रेक्ट इंप्लाइज व आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्तियाें की प्रक्रिया है, जो सुरक्षा नीति के अभाव में हो रही हैं, उस पर अंकुश लगाया जा सके। इससे चंडीगढ़ में ही पैदा हुए और पढ़ें लिखे युवाओं को इस ठेकेदारी प्रथा से मुक्ति मिल सके।
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