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पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ भगवान मोकल ने करवाए 164 के बयान दर्ज

भगवान मोकल ने बताया कि 1991 में जब सुमेध सैनी एसएसपी चंडीगढ़ थे तो उन पर बम धमाका हुआ जिस कारण सैनी ने उसे 29 जनवरी 1992 की रात को मोहाली से गिरफ्तार करके सीआरपीएफ कैंप पिंजौर गार्डन के सामने मल्ला कैंप में ले गए थे।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 09:50 AM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 09:50 AM (IST)
पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ भगवान मोकल ने करवाए 164 के बयान दर्ज
छह अगस्त को भगवान सिंह थाना मटौर में अपने 161 के बयान दर्ज करवा चुके हैं।

मोहाली, जेएनएन। पूर्व आइएएस अफसर के लड़के बलवंत सिंह मुल्तानी को अगवा करने व उसकी लाश को खुर्द-बुर्द करने के मामले में नामजद पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ अब गिल्को हाईट्स मोहाली के रहने वाले भगवान सिंह मोकल ने कोर्ट में अपने 164 के बयान दर्ज करवाए हैं। जबकि छह अगस्त को भगवान सिंह थाना मटौर में अपने 161 के बयान दर्ज करवा चुके हैं।

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भगवान सिंह ने अपने बयानों में अदालत को बताया कि वह सिख स्टूडेंंट फेडरेशन का पूर्व प्रधान रह चुका है। वह पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में वर्ष 1978 से लेकर 1984 तक गुरु नानक सिख स्टडीज में बतौर रिसर्चर स्कॉलर था। उस समय पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी एमए पॉलिटिक्स साइंस का स्टूडेंट थे। विद्यार्थी जीवन में उन्होंने सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन बतौर एक्टिंग प्रधान की सेवाएं निभाई थी। वह और सुमेध सैनी एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते थे। 1991 में जब सुमेध सैनी एसएसपी चंडीगढ़ थे, तो उन पर बम धमाका हुआ जिस कारण सैनी ने उसे 29 जनवरी 1992 की रात को मोहाली से गिरफ्तार करके सीआरपीएफ कैंप पिंजौर गार्डन के सामने मल्ला कैंप में ले गए थे। जहां खुद सुमेध सैनी ने 31 जनवरी 1992 को आकर उसे टॉर्चर किया।

सैनी ने उसे टॉर्चर करते हुए कहा कि उसने ही उसकी रेकी करवाई और तूं ही बम ब्लास्ट का मास्टरमाइंड है। इंटेरोगेशन दौरान सैनी ने उसे बताया कि बीबी बुलारा उसके पास रोती फिरती है और मैंने राजिंदर बुलारे को मार दिया है और अब वह उसे कहां से लाए। इसके साथ सैनी ने उसे कहा कि डीएस मुल्तानी आइएएस के लड़के को भी उसने मार दिया है, वह भी रोता फिरता है। सैनी ने उसे यह भी बताया कि उसने अपने लोगों के जरिये खाड़कू बलविंदर सिंह जटाने के परिवार के लोगों व अरुड सिंह मेंबर पंथक कमेटी को भी मरवा दिया है। इस टॉर्चर के बाद उसने उस पर भी एफआइआर नंबर-32 जोकि 12 मार्च 1992  को सेक्टर-17 पुलिस स्टेशन में दर्ज करवा दी और उसे जेल भेज दिया। इस झूठे मामले के कारण उसे मानसिक व शारीरिक परेशानी झेलनी पड़ी। उसने अपने बयानों में कहा कि यह सच वह सामने लाना चाहता था, जिसके कारण इस संबंधी उसने शिकायत नंबर-670 वर्ष 2001 में राष्ट्रीय ह्यूमन राइट्स कमीशन व पंजाब राज्य अधिकार ह्यूमन राइट कमीशन को दी।

इन शिकायतों के बाद सैनी ने उस पर दबाव बनाने के लिए उसका नाम लुधियाना सिंगार सिनेमा बम कांड में नामजद किया था और पुलिस कस्टडी दौरान उसे उक्त शिकायतें आगे से न करने के लिए दबाव बनाया। अब उसे अखबारों के माध्यम से पता चला कि मुल्तानी के खिलाफ थाना मटौर में मामला दर्ज हो गया है। इसलिए वह अपनी मर्जी से थाना मटौर में अपने बयान दर्ज करवा रहा है। जिक्र योग है कि सैनी के खिलाफ पहले ही उसे सहसाथी सरकारी गवाह बनकर 164 के बयान दर्ज करवा चुके हैं।


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