चंडीगढ़ में पानी की कीमतों पर रोक, कांग्रेस-भाजपा थपथपा रही अपनी पीठः फासवेक प्रवक्ता पंकज गुप्ता
चंडीगढ़ प्रशासक की ओर से पानी के बढ़े हुए रेट पर अस्थायी रोक लगाने के मामले का फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएसन चंडीगढ़ (फासवेक) ने विरोध जाहिर किया है। फासवेक के मुख्य प्रवक्ता ने भाजपा और कांग्रेस पर सावल खड़े किए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ प्रशासक की ओर से पानी के बढ़े हुए रेट पर अस्थायी रोक लगाने के मामले का फेडरेशन ऑफ सेक्टर वेलफेयर एसोसिएसन चंडीगढ़ (फासवेक) ने विरोध जाहिर किया है। मुख्य प्रवक्ता और सेक्टर-38 वेस्ट की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा है कि प्रशासक द्वारा पानी की बढ़ी हुई कीमतों पर 31 मार्च 2022 तक रोक तो लगा दी गई है, लेकिन यह चंडीगढ़वासियों के लिए छलावा मात्र है। पानी की कीमतों में तीन गुना तक वृद्धि करने वाली अधिसूचना वापस नहीं ली गई है, सिर्फ कुछ समय के लिए स्थगित किया गया है।
उनका कहना है कि शायद इस फैसले के पीछे दिसंबर में होने वाले नगर निगम के चुनाव हैं। आज बेशक शहर के बड़े राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस इस फैसले को लेकर दोनों अपनी पीठ थपथपा रहे हैं कि उनकी वजह से यह संभव हो पाया है। लेकिन चंडीगढ़ का आम नागरिक जानना चाहता है कि 31 मार्च के बाद क्या होगा। क्या लोगों को इसके बाद नाजायज तौर पर बढ़ाए गए दाम चुकाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
पंकज गुप्ता ने बयान जारी कर कहा है कि क्या फासवेक और अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन व्यर्थ हो गए। क्या अब चंडीगढ़ प्रशासन के फैसले राजनीतिक दबाव में होने लगे हैं। क्या प्रशासन और नगर निगम अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों से बचकर केवल पैसा कमाना चाहते हैं, जो पानी जैसी जीवन की मूलभूत आवश्यकता को भी आम आदमी से दूर कर रहे हैं। फासवेक चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू का कहना है कि वह प्रशासक से मांग करते हैं कि पानी के दामों में वृद्धि करने वाली पूरी अधिसूचना तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए तभी लोगों को राहत मिलेगी।
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला का कहना है कि 26 मई से भाजपा पार्षदों के पुतले जलाने की घोषणा की गई थी जिसके कारण इन बढ़े हुए रेट पर रोक लगी है।सुभाष चावला ने मांग की है कि चंडीगढ़ के निवासियों द्वारा भुगतान की गई अतिरिक्त राशि को अगले बिलों में समायोजित किया जाए।