छह माह तक प्रशासन की कार्रवाई पर लगे रोक
चंडीगढ़ के प्रशासक डीसी व एस्टेट ऑफिस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ में पेइंग गेस्ट के तौर पर रह रही छह लड़कियों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ के प्रशासक, डीसी व एस्टेट ऑफिस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। ज्योति कुमारी व अन्य जो चंडीगढ़ के सेक्टर-10 के एक घर में पीजी के तौर पर रह रही हैं, ने हाई कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि वो चंडीगढ़ प्रशासन को उनको पीजी के तौर पर निकालने के आदेश पर रोक लगाएं। याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील वीके जिंदल ने बेंच को बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन ने गेस्ट हाउस व पीजी के रजिस्ट्रेशन के लिए साल 2006 में एक नीति लागू की थी। लेकिन शहर में 2000 में से केवल 25 से कम पेइंग गेस्ट ने रजिस्ट्रेशन करवाया। सेक्टर-32 के एक पीजी में आग लगने के कारण 22 फरवरी को तीन छात्राओं की मौत हो गई थी। इसके बाद सोया हुआ प्रशासन जागा और उसने शहर में सभी पीजी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसमें रहने वाले सभी विद्यार्थियों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। प्रशासन का कदम नेचुरल जस्टिस के खिलाफ
जिंदल ने बेंच को बताया कि प्रशासन का यह कदम नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है। अन्य राज्य से पढ़ने आने वाले छात्रों को एकदम रोड पर खड़ा करना अनुचित कदम है। इस पर रोक लगनी चाहिए। याचिका में प्रशासन द्वारा छह महीने या नई नीति बनने तक पीजी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है। बताया गया कि वो सभी छात्राएं हैं, उनका सेशन जून तक है, ऐसे में वो अब कहां जाएं, उनको कम से कम सेशन पूरा होने तक पीजी के तौर पर रहने की इजाजत दी जाए। 23 तक देना होगा जवाब
याचिका में पेइंग गेस्ट के लिए व्यापक नीति बनाने की मांग की गई है। प्रशासन से यह भी मांग की गई है कि इस नीति को बनाने में छात्रों व पीजी मालिकों को भी साथ में लेना चाहिए। हाई कोर्ट के जस्टिस राजन गुप्ता ने याचिका पर सुनवाई करते चंडीगढ़ प्रशासन को 23 मार्च के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।