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जगह-जगह से उखड़ीं स्मार्ट सिटी की सड़कें, खतरनाक गड्ढे बन रहे हादसों का कारण Chandigarh News

इस बार के मानसून में होने वाली बारिश को शहर की सड़कें झेल नहीं पाई हैं। जिससे लाखों रुपये से रीकारपेटिंग की गई सड़कों में खतरनाक गड्ढे पड़ गए हैं।

By Edited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 08:44 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 10:58 AM (IST)
जगह-जगह से उखड़ीं स्मार्ट सिटी की सड़कें, खतरनाक गड्ढे बन रहे हादसों का कारण Chandigarh News
जगह-जगह से उखड़ीं स्मार्ट सिटी की सड़कें, खतरनाक गड्ढे बन रहे हादसों का कारण Chandigarh News

चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। स्मार्ट सिटी चंडीगढ़ में इस समय शहर की सड़कें जगह-जगह से उखड़ रही हैं। ऐसे में शहरवासियों की राह में जगह-जगह रुकावटें आ रही हैं। इस बार के मानसून में होने वाली बारिश को शहर की सड़कें झेल नहीं पाई हैं। जिससे लाखों रुपये से रीकारपेटिंग की गई सड़कों में खतरनाक गड्ढे पड़ गए हैं। जोकि अब हादसों का कारण बन रहे हैं। जबकि शहरवासी सड़कों की कारपेटिंग के समय प्रयोग होने वाली सामग्री पर भी सवाल उठा रहे हैं। इस समय शहर के सभी प्रमुख मार्ग जगह-जगह से उखड़ चुके हैं जबकि कई रिहायशी इलाकों की अंदरूनी सड़कें भी टूट चुकी हैं।

पीजीआइ चौक के आसपास हाल-बेहाल
पीजीआइ चौक के चारों तरफ की सड़कों की हालत बुरी तरह से खस्ता है। खुड्डा लाहौरा से पीजीआइ आने वाली सड़क पर कई जगह खतरनाक गड्ढे पड़ गए हैं। इसके अलावा सेक्टर-40/41 की विभाजक सड़कें, सेक्टर-15, 18 की प्रमुख सड़क पर गड्ढे पड़ गए हैं। इस समय वीआइपी हो या आम सब एरियों में सड़कों की हालत खस्ता हो रही है। हल्लोमाजरा चौक के पास गड्ढे पड़ने के कारण पिछले सप्ताह लोगों को कई घंटे जाम का सामना करना पड़ा था। सेक्टर-39/40 के चौक और मौसम विभाग को जाने वाली सड़क भी कई जगह से टूटी हुई है। सेक्टर-37 लाइट प्वाइंट से आगे चौक तक जाने वाली सड़क का बुरा हाल हो गया है। धनास के चितकारा स्कूल से आगे धनास को जाने वाली सड़क का बुरा हाल है। यहां पर तो कई दोपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल भी हो चुके हैं। सेक्टर-56 के रिहायशी इलाके के अंदर सड़कों पर गड्ढे पड़े हैं। हल्लोमाजरा और डड्डूमाजरा में भी कई जगह सड़कें उखड़ी हुई हैं।

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अपनी लैब फिर भी जांच बाहर से
नगर निगम के पास सड़कों की कारपेंटिंग के समय डाली जाने वाली सामग्री की जांच के लिए अपनी क्वालिटी कंट्रोल लैब है। लेकिन फिर भी इंजीनियर अपनी लैब से जांच करवाने के बजाय बाहर से करवाते हैं। 2016 से नगर निगम ने इस लैब के लिए जरूरी उपकरण खरीदे थे।

जहां-जहां पर सड़कें टूटी हुई हैं, उनकी रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा मानसून समाप्त होने के साथ ही जहां-जहां पर सड़कों की कारपेटिंग नए सिरे से होनी है, उसका काम भी शुरू कर दिया जाएगा। -मनोज बंसल, चीफ इंजीनियर, नगर निगम

मानसून में सड़कों की हालत खस्ता हो जाती है। प्रशासन के अंतर्गत आने वाली सड़कों के पेचवर्क का काम शुरू कर दिया जाएगा। सड़कों के पेचवर्क का प्लान तैयार कर लिया गया है।
-चीफ इंजीनियर, मुकेश आनंद, प्रशासन


हर बार बारिश में सड़कों की हालत खस्ता हो जाती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर की सड़कों की कारपेंटिंग के समय किस तरह की सामग्री का प्रयोग हो रहा है। इस समय प्रमुख सड़कों पर चलना आसान नहीं है। -सुरेंद्र शर्मा, वाइस चेयरमैन, क्राफ्ड


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