पीयू चंडीगढ़ से मान्यता प्राप्त बाबा बलराज कॉलेज बंद होने की कगार पर, 18 महीने से स्टाफ को नहीं मिली सैलरी
पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से मान्यता प्राप्त कॉलेज अनदेखी के कारण बंद होने की कगार पर है। पंजाब यूनिवर्सिटी से 60 किलोमीटर दूर कॉलेज की अव्यवस्था के कारण स्टूडेंट्स कॉलेज में दाखिला लेने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। इस संबंध पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन आंखे बंद करके बैठा है।
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से मान्यता प्राप्त बाबा बलराज बलाचौर कॉलेज बंद होने की कगार पर है। यह कॉलेज पंजाब के रोपड़ जिले में है, जिसकी दूरी पंजाब यूनिवर्सिटी से 60 किलोमीटर से भी कम है। कॉलेज की अव्यवस्था के कारण स्टूडेंट्स कॉलेज में दाखिला लेने में रूची नहीं दिखा रहे हैं। इस संबंध पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन आंखे बंद करके बैठा है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब यूनिवर्सिटी के अधीन पंजाब और चंडीगढ़ के 196 कॉलेज और रीजनल सेंटर हैं। इन कॉलेज और रीजनल सेंटर को मान्यता देने से लेकर इनमें स्टूडेंट्स एडमिशन, टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति पंजाब यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार होती है। पंजाब में पीयू से मान्यता प्राप्त सैकड़ों कॉलेज ऐसे हैं जो कि बंद होने की कगार में है। यह कालेज सिर्फ सरकारी ही नहीं बल्कि प्राइवेट भी हैं। जहां पर स्टूडेंट्स पढ़ाई करने की उम्मीद से एडमिशन लेने जाते हैं लेकिन टीचिंग स्टाफ की कमी के चलते उन्हें निराश लौटना पड़ता है।
टीचिंग स्टाफ की कमी से जूझ रहा कॉलेज
रोपड़ के बलाचौर स्थित बाबा बलराज कॉलेज में इस समय एक तिहाई से भी कम टीचिंग स्टाफ है। कॉलेज में एडमिशन के लिए एक हजार सीटें हैं, लेकिन टीचिंग स्टाफ नहीं होने के चलते मात्र 100 स्टूडेंट्स ही एडमिशन ली है। कॉलेज में स्टाफ की कमी के चलते स्टूडेंट्स यहां दाखिला नहीं ले रहे हैं।
डेढ़ साल से नहीं मिला वेतन
कॉलेज में पढ़ाई के लिए गेस्ट और कांट्रेक्ट पर टीचिंग फैकल्टी की नियुक्ति की जाती रही है। वर्ष 2019 से कॉलेज को फंड नहीं मिला है, जिस कारण तीन सौ से ज्यादा प्रोफेसर वेतन न मिलने के कारण कॉलेज नहीं आ रहे हैं। इस समय टीचिंग फैकल्टी की 18 महीने की सैलरी रुकी हुई है।
पंजाब यूनिवर्सिटी में दिया धरना
स्टूडेंट्स की परेशानी और टीचर्स को वेतन नहीं मिलने से परेशानी टीचर्स ने पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक कार्यालय के बाहर भी धरना दिया। जिसमें टीचर्स की मांग की थी कि जल्द से जल्द वेतन जारी करें और कॉलेज को बहाल करने के लिए फंड जारी करें। जिस पर रजिस्ट्रार ने जल्द समस्या को हल करने का आश्वासन दिया है।