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Chandigarh: एथलीट मां-बाप के अधूरे सपने को पूरा करेगी हरमिलन बैंस, तोड़ा 19 साल पुराना नेशनल रिकार्ड, अब ओलिंपिक मेडल पर नजर

तेलंगाना के वारंगल में आयोजित 60वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाली एथलीट हरमिलन कौर बैंस को सेक्टर -18 में प्लेराइट फाउंडेशन की तरफ से सम्मानित किया। हरमिलन बैंस ने 1500 मीटर दौड़ 405 मिनट में पूरी कर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 04 Oct 2021 10:07 AM (IST)Updated: Mon, 04 Oct 2021 10:07 AM (IST)
Chandigarh: एथलीट मां-बाप के अधूरे सपने को पूरा करेगी हरमिलन बैंस, तोड़ा 19 साल पुराना नेशनल रिकार्ड, अब ओलिंपिक मेडल पर नजर
हमिलन बैंस का अगला लक्ष्य एशियाई खेलों में मेडल जीतने का है।

विकास शर्मा, चंडीगढ़। देश के एथलीट्स को न तो इंटरनेशनल स्तर की कोचिंग मिल रही है और न ही वैसा इंफ्रास्ट्रक्चर मिल रहा है। ऐसे में एथलीट्स से ओलिंपिक जैसी खेलों में मेडल की कैसे उम्मीद कर सकते हैं। यह कहना है नेशनल रिकार्ड होल्डर हरमिलन बैंस का।

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हरमिलन ने बताया कि वह इसीलिए बेहतर कर पाई क्योंकि उन्हें एथलेटिक्स गेम विरासत में मिली है। उनकी माता माधुरी सक्सेना ने वर्ष 2002 एशियाई खेलों में 800 मीटर की रजत पदक विजेता हैं और पिता अमनदीप बैंस दक्षिण एशियाई खेलों में 1500 मीटर पदक विजेता हैं। इसलिए उनके माता पिता ने उन्हें बचपन से वैसी ट्रेनिंग दी, जिस वजह से वह बेहतर कर पाई। भारतीय एथलेटिक्स के भविष्य पर पर बोलते हुए हरमिलन ने कहा कि देश में अभी भी पर्याप्त संख्या में सिथेंटिक ट्रैक और बेहतर कोच नहीं हैं, जिस वजह से हमारे एथलीट्स इंटरनेशनल स्तर पर बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं।

नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हरमिलन ने बनाया नया नेशनल रिकार्ड

तेलंगाना के वारंगल में आयोजित 60वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाली एथलीट हरमिलन कौर बैंस को सेक्टर -18 में प्लेराइट फाउंडेशन की तरफ से सम्मानित किया। बता दें हरमिलन बैंस ने 1500 मीटर दौड़ 4:05 मिनट में पूरी कर राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया था। इससे वर्ष 2002 एशियाई खेलों में सुनीता रानी ने 4:06.03 मिनट का समय लेकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया था।

चोटिल होने पर जाना खेल से अपना जुड़ाव

हरमिलन ने बताया कि जब मैं तीसरी कक्षा में थी, तब मेरी पहली रेस एक जोनल मीट थी। मैं पढ़ाई में भी क्लास टॉपर थी, लेकिन रेस में दूसरे स्थान पर रही। मैं दूसरे स्थान पर रहने के कारण खेल छोड़ना चाहती था। अगली दौड़ मैंने जीती और मेरी फोटो अखबार में छपी। तब से ये खेल मेरे लिए सबकुछ हो गया है। वर्ष 2017 में चोटिल हो गई और डॉक्टर ने मुझे दौड़ने के लिए मना कर दिया तब मैंने समझा कि यह खेल मेरे लिए कितना महत्वपूर्ण हो चुका है और मैं इससे कितना प्यार करती हूं।

अगला लक्ष्य पेरिस ओलिंपिक 2024 में पदक लाना

हरमिलन बैंस ने बताया कि अब उनका अगला लक्ष्य वर्ष 2022 के आयोजित होने वाली एशियाई खेलों में मेडल जीतने का है। हरमिलन ने बताया कि मैंने एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन मुझे लगता है कि मैं खुद को और भी आगे बढ़ा सकती हूं। पांच सेकंड के निशान को तोड़ना है। मुझे यकीन है कि व्यापक अभ्यास और प्रशिक्षण के साथ मैं पेरिस ओलंपिक 2024 में पदक लाने में सक्षम हो जाऊंगी।


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