नई चुनौतियों के बीच केजरीवाल पंजाब में फूंकेंगे चुनावी बिगुल, आप ने झाेंकी पूरी ताकत
आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में गुटबाजी और टूट के बीच पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल रविवार को राज्य में रैली को संबोधित करेंगे। वह रैली से पार्टी का चुनावी अभियान शुरू करेंगे।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में आम आदमी पार्टी में फूट अौर टूट के बाद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को पंजाब आएंगे। वह राज्य में रैली कर लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के अभियान का बिगुल फूंकेंगे। बरनाला की अनाज मंडी में होने जा रही इस रैली को सफल बनाने के लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है।
पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने पंजाब में जीती थीं चार सीटें,इस बार गुटबाजी टूट से पार्टी की हालत बुरी
पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने पूरे देश में सिर्फ चार सीटें जीती थीं और ये चारों पंजाब की थीं। इस बार गुटबाजी व नेताओं की बगावत के कारण पार्टी की परेशानी बढ़ गई है। दो सांसद जहां निलंबित चल रहे हैैं वहीं एक माह में तीन विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सबसे बड़ी चुनौती पार्टी को एकजुट रखने की है।
अपने सबसे करीबी सांसद भगवंत मान के क्षेत्र में रैली पार्टी के चुनावी अभियान की करेंगे शुरूआत
लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंकने के लिए केजरीवाल ने अपने सबसे करीबी और संगरूर से सांसद भगवंत मान के क्षेत्र को चुना है। पार्टी ने संगरूर लोकसभा सीट तो जीती ही थी, विधानसभा चुनाव में भी इस क्षेत्र में अच्छी खासी बढ़त मिली थी। संगरूर लोकसभा सीट के तहत संगरूर और बरनाला जिले आते हैं। पिछली बार भगवंत मान ने शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींडसा को हराया था।
कांग्रेस के तत्कालीन सांसद विजय इंद्र सिंगला की तो जमानत ही जब्त हो गई थी। विधानसभा चुनाव में बरनाला जिले की तीनों सीटों बरनाला, भदौड़ व महिलकलां पर आप के मीत हेयर, पिरमल सिंह व कुलवंत सिंह पंडोरी विजयी रहे थे। संगरूर जिले की सात में से दो सीटों दिड़बा व सुनाम पर हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा विजयी रहे थे।
दिल्ली में किए विकास कार्यों का कर सकते हैैं बखान
पार्टी सूत्रों की मानें तो अरविंद केजरीवाल पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह इस बार अकाली दल और कांग्रेस नेताओं पर हमलावर रुख अपनाने के बजाय दिल्ली में किए गए कार्यों को जनता के सामने रखने को प्राथमिकता देंगे। दिल्ली के विकास मॉडल को रखते हुए वह जनता से कह सकते हैं कि इसी तरह का मॉडल उनके पास पंजाब के लिए भी था, लेकिन पार्टी ने तब नशीले पदार्थों की तस्करी को लेकर अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को टारगेट कर लिया।
कांग्रेस की प्रचार मुहिम को संभालने वाले प्रशांत किशोर ने घर-घर नौकरी और किसानों को कर्ज माफी जैसे दो बड़े लॉलीपॉप दिखाकर लोगों को गुमराह कर दिया। उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी ने भी कर्ज मुक्ति का प्लान बनाया था और अपने किसान मेनिफेस्टो में कई बातें रखीं थीं। इनमें किसानों को चरणबद्ध ढंग से कर्ज से बाहर निकालने की योजना थी।
सुखपाल खैहरा रह सकते हैं निशाने पर
आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देकर पंजाबी एकता पार्टी बनाने वाले विधायक सुखपाल खैहरा केजरीवाल के निशाने पर रह सकते हैैं। खैहरा के साथ-साथ विधायक मास्टर बलदेव सिंह ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी से नाराज चल रहे छह अन्य विधायकों को वापस पार्टी में लाने के लिए केजरी कोई अपील करते हैैं या नहीं, यह भी देखने वाली बात होगी। ये विधायक भी पहले खैहरा के साथ चले गए थे लेकिन अब उन्होंने उनसे दूरी बना ली है।
निलंबित सांसदों पर क्या बोलेंगे?
लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही यह देखने वाली बात होगी कि केजरीवाल पटियाला और फतेहगढ़ साहिब के सांसदों डॉ. धर्मवीर गांधी व एचएस खालसा के बारे में कुछ बोलते हैैं या नहीं। दोनों सांसदों को उन्होंने पार्टी से निलंबित कर दिया था। फरीदकोट से सांसद साधू सिंह की भी सक्रियता पहले जैसी नहीं है।
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