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चंडीगढ़ में सेना ने चार दिन में बना दिया 100 बेड का अस्पताल, कोविड मरीजों का इलाज शुरू

कोरोना संक्रमण के खिलाफ सेना ने मोर्चा संभाला लिया है। सेना ने चंडीगढ़ में तीन से चार दिन में कोरोना मरीजों के लिए 100 बेड का अस्पताल बना दिया है। खास बात यह है कि यहां मरीजों का इलाज भी शुरू कर दिया गया है।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 03:45 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 03:54 PM (IST)
चंडीगढ़ में सेना ने चार दिन में बना दिया 100 बेड का अस्पताल, कोविड मरीजों का इलाज शुरू
चंडीगढ़ में सेना द्वारा तैयार किया गया कोरोना अस्पताल।

चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के खिलाफ सेना (Indian Army) ने मोर्चा संभाला लिया है। इसी कड़ी में सोमवार को पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ (Punjab University Chandigarh) के इंटरनेशनल हॉस्टल में 100 बेड के अस्पताल का उद्घाटन हुआ। इस अस्पताल का उद्घाटन पंजाब के गवर्नर व चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर और वेस्टर्न कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने किया। खास बात यह है कि सेना ने इस अस्पताल को तीन से चार दिन में तैयार किया है।

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वेस्टर्न  कमांड के सिविल अफेयर के डायरेक्टर कर्नल जसदीप सिंह संधू ने बताया कि सेना ऐसे अस्पताल युद्ध के समय तैयार करती है। इस अस्थायी अस्पताल में सेना ने अपनी फील्ड एंबुलेंस यूनिट का तैनात किया है। अस्पताल में तैनात मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ हिमाचल प्रदेश के पालमपुर से आया है, जो अस्पताल के सामने दूसरे हॉस्टल में रहेगा।

अस्पताल के उद्घाटन के दौरान मौजूद सेना और प्रशासनिक अधिकारी।

उन्‍होंने बताया कि यह कोरोना के लेवल वन पेशेंट के लिए अस्पताल होगा, इसमें चंडीगढ़ के बड़े सरकारी अस्पताल से रेफर किए मरीजों को भर्ती किया जाएगा। इनमें पीजीआइ, जीएमएसएच -16, कमांड अस्पताल,जीएमसीएच -32 और जीएमसीएच -48 से कोरोना पेशेंट रेफर होंगे। बावजूद इसके अगर मरीज की तबियत ज्यादा खराब हो जाती है, तो दोबारा इन बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा जाएगा।

अस्पताल में ऑक्सीजन की नहीं होगी दिक्कत

कर्नल जसदीप सिंह संधू ने बताया कि वैसे तो ऑक्सीजन की दिक्कत देशभर के अस्पतालों में है, बावजूद इसके हमारी कोशिश रहेगी कि इस अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन की कोई कमी न हो। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 121 सिलेंडरों में  1869 लीटर ऑक्सीजन मौजूदा समय में उपलब्ध है। इसके अलावा 10 ऑक्सीजन कंसेटेटर, चार वेंटिलेटर और आठ मल्टीपल मॉनिटर मौजूद हैं।

यूटी प्रशासन भी करेगा संचालन में मदद

इस अस्पताल के संचालन में यूटी प्रशासन का स्टाफ भी मदद करेगा। अस्पताल में  जीएमएसएच -16 से एक नोडल अधिकारी मौजूद रहेगा। इसके अलावा दो एग्जीक्यूटिव इंजीनियर्स, पांच स्वीपर, छह अलग -अलग कामों के लिए कर्मचारी मौजूद रहेंगे। इसके बॉयो मेडिकल वेस्ट, अतिरिक्त ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने (7000 लीटर ) और मरीज की मौत होने पर जीएमएसएच -16 की मोर्चरी का इस्तेमाल होगा।

नंगल में बनने वाली ऑक्सीजन का वितरण करेगी राज्य सरकार

नंगल के भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमसी) में स्थित ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करने के बाबत जानकारी देते हुए  कर्नल जसदीप सिंह संधू ने बताया कि यह प्लांट 1962 से बंद था, इसे सेना के इंजीनियर्स ने अपने प्रयासों से शुरू कर दिया है। अब इससे कितनी ऑक्सीजन बनेगी, यह जानकारी उन्हें नहीं है, इसके अलावा इसके वितरण का काम राज्य सरकार देखेगी। हमारी यही कोशिश होगी कि हम ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन बनाएं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद हो सके।

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"सेना के सहयोग के लिए धन्यवाद। पंजाब यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में 100 अतिरिक्त बेड का अस्पताल मिलने से शहर के अन्य अस्पतालों पर बोझ कम होगा। ऐसे में इस सुविधा का हमें काफी फायदा होगा। हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इलाज पहुंचाने में सक्षम होंगे।

                                                                                             - वीपी सिंह बदनौर,राज्यपाल , पंजाब।

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"कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शुरू हो चुकी है और इसी कड़ी में हमने चंडीगढ़ में तीन से चार दिन में 100 बेड  का अस्पताल तैयार कर दिया है। अगले चार से पांच दिनों में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और जम्मू में भी इसी तर्ज पर अस्थायी अस्पताल बनाए जाएंगे। यह सब हम ऑपरेशन नमस्ते के तहत कर रहे हैं। हम आम लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

                                                               -लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह, आर्मी कमांडर, वेस्टर्न कमांड। 

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