छह आरोपितों की पेशी आज, तीन की तलाश में हो रही छापेमारी
फर्जी प्रमोशन मामले में तीन संदिग्ध आरोपितों को गिरफ्तार करने में एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) अलग-अलग जगह पर छापेमारी करने में लगी है। वहीं अब तक गिरफ्तार एक इंस्पेक्टर सहित छह आरोपितों को मंगलवार पुलिस जिला अदालत में पेश करेगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : फर्जी प्रमोशन मामले में तीन संदिग्ध आरोपितों को गिरफ्तार करने में एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) अलग-अलग जगह पर छापेमारी करने में लगी है। वहीं, अब तक गिरफ्तार एक इंस्पेक्टर सहित छह आरोपितों को मंगलवार पुलिस जिला अदालत में पेश करेगी। इससे पहले चार आरोपितों को चार दिन के रिमांड में लंबी पूछताछ कर एक लाख नकदी, लैपटाप, मोबाइल फोन सहित अन्य दस्तावेज बरामद किया था। दूसरी बार कोर्ट में पेश करने पर दो दिन के रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है। छह आरोपितों में इंस्पेक्टर सतवंत सिंह, बर्खास्त एसआइ, दो सुपरिटेंडेंट, एक हेड कांस्टेबल के अलावा पूर्व डीजीपी का पीए भी शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार आरोपितों की अलग-अलग भूमिका मामले में मिली है। सूत्रों के अनुसार तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के अलावा तीन-चार डीजीपी के कार्यकाल खत्म होने के समय भी आरोपितों ने फर्जी हस्ताक्षर पर फर्जीवाड़े का खेल किया है। इसमें प्रमोशन, ट्रांसफर सहित नियुक्तियां भी शामिल हैं। हालांकि, अभी तक इसे लेकर एसआइटी के अधिकारी खुलकर बोलने से कतरा रहे है।
यह है मामला -
आठ जनवरी 2022 को पंजाब में इलेक्शन कोड लागू होने से कुछ देर पहले ही पुलिस विभाग में 11 मुलाजिमों की प्रमोशन लिस्ट जारी हुई थी। जिसमें सब इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, सीनियर कांस्टेबल, कांस्टेबल सहित अन्य मुलाजिमों का नाम शामिल थे। इस समय पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के फर्जी हस्ताक्षर थे। डीजीपी आफिस से प्रमोशन को रोक डीएसपी ने चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दी। सेक्टर-3 थाना पुलिस ने अज्ञात आरोपित के खिलाफ धारा 419, 420, 464, 465, 467, 468, 471 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया है। इस मामले की जांच एसपी सिटी केतन बंसल के सुपरविजन में एसआइटी कर रही है।