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नागरिकता संशोधन विधेयक पर अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को घेरा

अपने ही वरिष्ठ नेताओं द्वारा बनाए गए कानून की आलोचना करने में लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 09:02 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 09:02 PM (IST)
नागरिकता संशोधन विधेयक पर अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को घेरा
नागरिकता संशोधन विधेयक पर अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस को घेरा

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता अपने ही वरिष्ठ नेताओं द्वारा बनाए गए कानून की आलोचना करने में लगे हैं। लगता है सोनिया गांधी और राहुल गांधी इतना भी नहीं जानते कि जिस नागरिकता संशोधन एक्ट का वो विरोध कर रहे हैं। दरअसल उसकी नींव उनकी पार्टी की सरकार के कार्यकाल के दौरान पड़ी थी। आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस एक्ट को लागू कर दिया है तो देशभर में कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दल आखिर क्यों झूठी भ्रांतियां फैलाने में लगे हैं। यह विचार केंद्रीय वित्त और कारपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ द्वारा सेक्टर-38 वेस्ट की ईडब्ल्यूएस कॉलोनी में आयोजित जनसभा के दौरान व्यक्त किए। 15 जनवरी तक चलेगा अभियान

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केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने चंडीगढ़ भाजपा द्वारा नागरिकता संशोधन एक्ट की जानकारी को जनता के बीच लेकर जाने के लिए 15 जनवरी तक घर-घर जनसंपर्क अभियान की शुरुआत भी की। उन्होंने स्थानीय लोगों के घरों में जाकर उनसे उपरोक्त एक्ट के बारे में बातचीत की और लोगों को इसके प्रति जागरूक भी किया। उनके साथ चंडीगढ़ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन और सांसद किरण खेर, प्रदेश महासचिव चन्द्रशेखर, कार्यालय सचिव गजेन्द्र शर्मा, सचिव रमेश निक्कू, प्रवक्ता गुरप्रीत सिंह ढिल्लों, पार्षद और जिलाध्यक्ष रविकांत शर्मा, स्थानीय पार्षद अरुण सूद, मंडल अध्यक्ष सतपाल सेठी, कृष्णकांत आदि उपस्थित थे। किसी भी नागरिक को नुकसान नहीं

उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, टीएमसी नेता ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के अरविद केजरीवाल द्वारा उपरोक्त एक्ट पर उनकी प्रतिक्रियाओं पर हमला करते हुए कहा कि इस कानून के अंदर देश के किसी भी नागरिक को अपनी नागरिकता सिद्ध करने या उनके नागरिकता को छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह ने तीन पड़ोसी इस्लामिक देशों में दशकों से धार्मिक उत्पीड़न के शिकार हिदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लिए भारत में नागरिकता लेने की राह को आसान करने का काम किया है।


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