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दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे पर पंजाब के नेताओं में छि़ड़ा क्रेडिट वार, अमृतसर और तरनतारन शामिल

पंजाब के अमृतसर और तरनतारन को दिल्‍ली-कटड़ा एक्‍सप्रेस वे में शामिल किया गया है। इसके साथ ही इस पर नेताओं में क्रेडिट वार शुरू हो गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 08:39 AM (IST)
दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे पर पंजाब के नेताओं में छि़ड़ा क्रेडिट वार, अमृतसर और तरनतारन शामिल
दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे पर पंजाब के नेताओं में छि़ड़ा क्रेडिट वार, अमृतसर और तरनतारन शामिल

चंडीगढ़/अमृतसर, जेएनएन। अब अमृतसर व तरनतारन भी दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे का हिस्सा होंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के दिल्ली स्थित निवास पर एक उच्च स्तरीय रिव्यू बैठक में गडकरी ने कहा कि अमृतसर हमेशा दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे का अभिन्न अंग था। इसके पहले चरण में पहले चरण में लगभग 25,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसे भारतमाला योजना के तहत बनाया जा रहा है। इसके साथ ही पंजाब में नेताओं के बीच इसका क्रेडिट लेने की जंग शुरू हो गई है। 

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पहले चरण में पहले चरण में लगभग 25,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा पहले चरण में यह एक ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत खनौरी से पंजाब में प्रवेश करते हुए पातड़ां, भवानीगढ़, लुधियाना, नकोदर, जालंधर, करतारपुर, कादियां और गुरदासपुर को जोड़ेगा। करतारपुर से अमृतसर बाईपास के बीच 6-लेन मार्ग को ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट के तौर पर विकसित किया जाएगा।

भूमि अधिग्रहण के लिए होगी बैठक

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज करने के लिए एनएचएआइ व पंजाब सरकार के अधिकारियों के बीच जल्द ही बैठक होगी। नया ग्रीनफील्ड संपर्क मार्ग अमृतसर एक्सप्रेस हाईवे के साथ सीधा जुड़ेगा जो जालंधर-नकोदर राष्ट्रीय मार्ग पर स्थित गांव कंग साबू से शुरू होकर सुल्तानपुर लोधी, गोइंदवाल साहिब, खडूर साहिब, तरनतारन व अमृतसर को जोड़ेगा। राजासांसी एयरपोर्ट के पास अमृतसर-डेरा बाबा नानक सड़क में मिल जाएगा। पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी ने बताया कि केंद्र ने पंजाब सरकार को भूमि अधिग्रहण का काम जल्द करवाने को कहा है।

कैैप्‍टन अमरिंदर ने लिया क्रेडिट, कहा- पंजाब सरकार ने उठाई थी मांग

 दूसरी ओर पंजाब के नेताओं में इसका क्रेडिट लेने की जंग शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस मंजूरी को पंजाब सरकार की बड़ी सफलता बताया है। उन्‍होंने कहा कि पंजाब सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे को ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट बनाने व इसे प्रमुख सिख तीर्थ स्थलों से जोडऩे की मांग की थी। केंद्र सरकार ने इसे नकोदर से सुल्तानपुर लोधी, गोइंदवाल साहिब, खडूर साहिब, तरनतारन से होते हुए अमृतसर तक जोडऩे वाले सिख सर्किट को मंजूरी दे दी है। पहले यह एक्सपे्रस-वे ब्राउनफील्ड प्रोजेक्ट के तौर पर पारित किया गया था, जिसमें भूमि अधिग्रहण पर काफी खर्च आने व बड़े स्तर पर तोड़-फोड़ की जरूरत पडऩी थी।

कांग्रेस के प्रस्ताव से अमृतसर छूट जाता: हरसिमरत कौर बादल

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि केंद्र से मंजूरी मिलने से अमृतसर निवासियों की चिर-प्रतीक्षित मांग पूरी हो गई है। इस एक्सप्रेस-वे का नाम भी गुरु साहिब के नाम पर ही रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांगे्रस के प्रस्ताव के मुताबिक इस एक्सपे्रस-वे को अमृतसर से 60 किलोमीटर आगे डायवर्ट किया जाना था। अब पांचों सिख तीर्थ स्थलों के साथ इसे डेरा बाबा नानक तक भी बढ़ाया जाएगा, जिससे श्री करतारपुर साहिब की यात्रा सुगम हो जाएगी।

कांग्रेस ने अवसर छीना, केंद्र सरकार ने लौटाया: श्‍वेत मलिक

भाजपा के राज्यसभा मलिक ने कहा कि दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस वे से अमृतसर को काटने से पंजाब की कांग्रेस सरकार का अमृतसर विरोधी चेहरा सामने आ गया था। कांग्रेस ने अमृतसर से यह सुनहरा अवसर छीन लिया था, लेकिन गडकरी व पुरी के प्रयासों से गुरुनगरी के साथ अन्याय होने से बच गया। मलिक ने संसद में तीन बार यह मामला उठाया था।


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