अमरिंदर मंत्रिमंडल के विस्तार की तस्वीर अभी साफ नहीं, नेताओं की बैचेनी बढ़ी
पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट का विस्तार फिलहाल टलता लग रहा है। इस बारे में फैसला कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के करीब होने की संभावना है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में जगह मिलने की इच्छा रखने वाले नेताओं को अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा। कैबिनेट के विस्तार पर फैसला अगले माह 16 से 18 मार्च तक नई दिल्ली में हाेनवाले कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के करीब ही होगा। राहुल गांधी के कर्नाटक दौरे में व्यस्त होने के कारण मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह राहुल गांधी के बीच होने वाली बैठक का समय निर्धारित नहीं हो पाया है। हालांकि, कैप्टन ने राहुल से कैबिनेट विस्तार पर चर्चा के लिए समय मांगा है।
राहुल से नहीं मिला है कैप्टन को समय, कैबिनेट में स्थान नहीं तो एआइसीसी में होंगे एडजस्ट
दूसरी ओर बताया जा रहा हैकि जिन वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट में स्थान नहीं मिलेगा, उन्हें राष्ट्रीय संगठन में समायोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि लुधियाना नगर निगम के बाद कैबिनेट का विस्तार करेंगे। अाज लुधियाना नगर निगम के चुनाव के परिणाम आ जाएंगे। इसी के साथ कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा भी चरम पर है, लेकिन पार्टी की तरफ से यह संकेत मिल रहे हैं कि कैबिनेट का विस्तार बजट सत्र से पूर्व होना संभव नहीं हो पाएगा।
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राहुल का कर्नाटक दौरा सोमवार को ही खत्म हो जाएगा। राहुल गांधी के करीबी सूत्रों के अनुसार कैबिनेट विस्तार पर राष्ट्रीय अधिवेशन में तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। जिन्हें कैबिनेट में स्थान नहीं मिलेगा, उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया जाएगा। यही कारण है कि राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले पंजाब में कैबिनेट का विस्तार संभव नहीं हो पाएगा। वहीं, संभवत: 16 मार्च से ही पंजाब सरकार का बजट सत्र हो सकता है, जिस कारण बजट सत्र के बीच में कैबिनेट के विस्तार की संभावना नहीं है।
नौ मंत्री और बनाए जा सकते हैं
पार्टी सूत्रों के अनुसार, 77 सीटों के साथ पंजाब विधानसभा में सरकार बनाने वाले कैप्टन अमिरंदर सिंह पर कैबिनेट विस्तार के लिए खासस दबाव है। करीब 24 के करीब ऐसे विधायक हैं, जो तीसरी या इससे ज्यादा बार विधायक बन कर आए हैं। सरकार में मुख्यमंत्री समेत 18 ही मंत्री बन सकते है। अभी नौ मंत्री और बनाए जा सकते हैं। इसके बावजूद करीब 12 वरिष्ठ विधायक मंत्री बनने से वंचित रह जाएंगे। यही कारण है कि कांग्रेस ऐसे सीनियर विधायकों को एआइसीसी में समायोजित कर दबाव को कम करने का प्रयास करेगी। यही कारण है कि राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
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