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एमआरपी से ज्यादा पर बेचा लैपटॉप, अमेजॉन को देना होगा 12 हजार रुपये हर्जाना

एमआरपी से अधिक कीमत पर लैपटॉप बेचने पर चंडीगढ़ कंज्यूमर फोरम ने अमेजॉन पर 12 हजार रुपये का हर्जाना ठोका है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 12:18 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 04:46 PM (IST)
एमआरपी से ज्यादा पर बेचा लैपटॉप, अमेजॉन को देना होगा 12 हजार रुपये हर्जाना
एमआरपी से ज्यादा पर बेचा लैपटॉप, अमेजॉन को देना होगा 12 हजार रुपये हर्जाना

जासं, चंडीगढ़ : धोखाधड़ी के एक मामले में कंज्यूमर फोरम ने अमेजॉन कंपनी को ग्राहक को 12 हजार रुपये हर्जाना देने का आदेश सुनाया है। साल 2017 में सेक्टर-20 निवासी तेजिंदर सिंह ने फोरम की शरण ली थी।  अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि 32,555 रुपये में खरीदा गया लैपटॉप जब उनके पास पहुंचा तो पैकेट खोलने पर पता चला कि उसकी एमआरपी 31,090 रुपये है। इस प्रकार कंपनी ने उनसे 1465 रुपये ज्यादा वसूल लिए थे।

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इसके बाद तेजिंदर ने इसकी शिकायत कंज्यूमर फोरम को दी। वहीं अमेजॉन कंपनी ने अपना जवाब दायर करते हुए कहा कि अमेजॉन वेबसाइट पर लैपटॉप निर्माता कंपनी ने रेट लिस्ट अपलोड की जाती है, इसलिए तेजिंदर से ज्यादा रकम वसूलने में उनकी कोई गलती नहीं है। लैपटॉप निर्माता कंपनी ने जो रेट दिया, उपभोक्ता को वह रेट पसंद आया और उसने खरीदा इसमें उनकी गलती नहीं है।

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कंज्यूमर फोरम ने अमेजॉन कंपनी द्वारा तेजिंदर से ज्यादा वसूल किए गए 1465 रुपये वापस करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही इस दौरान तेजिंदर को हुई मानसिक परेशानी के लिए 7 हजार रुपये और 5 हजार रुपये केस खर्च देने के भी आदेश दिए हैं।

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वारंटी मे पड़ी हार्ड डिस्क को बदलने से किया मना, कंपनी पर 21 हजार रुपये जुर्माना
जासं, चंडीगढ़। कंज्यमूर फोरम ने वारंटी में पड़ी हार्ड डिस्क को बदलने से मना करने पर कंपनी पर 21 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। सेक्टर-49 निवासी सुरेश कुमार 28 जनवरी, 2017 को सेक्टर-22-सी स्थित एचआईए कंप्यूट से 3800 रुपये में तोशिबा 1 टीबी एचडीडी की एक नई हार्ड डिस्क खरीदी थी। 5 फरवरी, 2017 को सुरेश जब उसके द्वारा खींची गई तस्वीरों को डेवलेप करने के लिए हार्ड डिस्क से निकालने लगा तो वह हैरान रह गया कि हार्ड डिस्क तो खाली है। इसकी शिकायत जब सुरेश ने सेक्टर-22 बी तोशिबा सर्विस सेंटर से की तो उन्होंने बताया कि हार्ड डिस्क तो करप्ट हो चुकी है।

सुरेश ने सर्विस सेंटर से करप्ट हार्ड डिस्क को बदलने के साथ हार्ड डिस्क में स्टोर डाटा को भी सेव करने की रिक्वेस्ट की लेकिन सर्विस सेंटर ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद सुरेश ने एक डाटा रिकवरी लैब से हार्ड डिस्क में स्टोर डाटा को रिकवर करवाया जिसके लिए उस अलग से 11 हजार रुपये देने पड़े। सुरेश ने इसकी शिकायत कंज्यूमर फोरम को दी। वहीं तोशिबा कंपनी ने अपने जवाब में कहा कि सुरेश ने जिस दुकान से हार्ड डिस्क खरीदी है, उसे कंपनी को सामान बेचने का अधिकार ही नहीं है इसलिए वह इसका भुगतान नहीं कर सकते। वहीं एचआईए कंप्यूटर ने दलील देते हुए कहा कि उनके द्वारा जो हार्ड डिस्क सुरेश को दी गई थी उसका बाकायदा बिल उसे बनाकर दिया गया था। वह वारंटी में है तो उसे बदलने या रिपेयर करने की जिम्मेदारी तोशिबा कंपनी की है।

दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फोरम ने एचआईए कंप्यूटर द्वारा सुरेश को हार्ड डिस्क के पैसे 3800 रुपये और डाटा रिकवरी के लिए दिए गए 11 हजार रुपये भाी वापस करने के अादेश दिए हैं। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को इस दौरान हुई मानसिक परेशानी के लिए 5 हजार रुपये और 5 हजार रुपये केस खर्च भी देने के आदेश दिए हैं।

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