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AAP छोड़ कांग्रेस में आए पंजाब के तीनों विधायक राहुल गांधी से मिले, प्रियंका ने खोला था पार्टी में एंट्री का रास्ता

पंजाब में आम आदमी पार्टी के तीन बागी विधायक सुखपाल सिंह खैहरा पिरमल सिंह व कमालू ने नई दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी से मुलाकात की। खास बात यह रही कि पंजाब के नेताओं को इस मुलाकात की भनक नहीं लगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 02:32 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 03:52 PM (IST)
AAP छोड़ कांग्रेस में आए पंजाब के तीनों विधायक राहुल गांधी से मिले, प्रियंका ने खोला था पार्टी में एंट्री का रास्ता
राहुल गांधी के साथ खैहरा व अन्य विधायक।

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान थम नही रहा। आम आदमी पार्टी को छोड़ कर कांग्रेस में आए तीन विधायकों सुखपाल सिंह खैहरा, जगदेव कमालू और पिरमल सिंह को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व हरियाणा के नेता रणदीप सुरजेवाला ने राहुल गांधी से मिलवाया। इस मुलाकात को लेकर पंजाब के नेताओं को पता भी नहीं था। खैहरा, कमालू और पिरमल सिंह रणदीप सुरजेवाला के साथ राहुल गांधी के नई दिल्ली स्थिति आवास पर गए और राहुल गांधी के साथ मुलाकात की। आप के तीनों विधायकों को 3 जून को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करवाई थी।

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2015 में कांग्रेस छोड़ आम आदमी पार्टी का झाड़ू थामने वाले सुखपाल खैहरा की वापस कांग्रेस में एंट्री भी रणदीप सिंह सुरजेवाला के माध्यम से ही हुई थी। यही कारण है कि खैहरा और उनके साथ अन्य दो विधायकों को राहुल गांधी से मिलवाने के लिए सुरजेवाला ही लेकर गए थे। खास बात यह है कि एक तरफ राहुल गांधी पंजाब के नेताओं को समय नहीं दे रहे थे। वहीं, आप छोड़कर आए तीन विधायकों ने सुरजेवाला के माध्यम से राहुल से मुलाकात भी कर ली, जबकि पंजाब के नेताओं को इसकी भनक तक नहीं लगी।

सुखपाल खैहरा की कांग्रेस में ज्वाइनिंग भी किसी ड्रामे से कम नहीं थी

खैहरा समेत तीन आप के विधायकों की कांग्रेस में एंट्री का रास्ता कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने खोला था। जरिया रणदीप सुरजेवाला बने। पार्टी हाईकमान की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद 28 मई को इन विधायकों की ज्वाइनिंग का समय तय हो गया था, लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया। पहले यह कहा जा रहा था कि कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत इन तीनों को पार्टी ज्वाइन करवाएंगे, लेकिन कांग्रेस का अंतरकलह को लेकर रावत दिल्ली में ही व्यस्त हो गए। इस कारण मुख्यमंत्री ने खैहरा समेत तीनों विधायकों की 28 मई को तो ज्वाइनिंग नहीं करवाई बल्कि 3 जून तो इन नेताओं की ज्वाइनिंग तब करवाई जब मुख्यमंत्री दिल्ली में पार्टी हाईकमान की तरफ से बनाई गई कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए जाने की तैयारी कर रहे थे। इन नेताओं की ज्वाइनिंग भी आनन-फानन में मुख्यमंत्री ने हैलीपैड कर ही करवाई थी।


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