दिनभर बहस और खींचतान, शाम को हाथापाई, तीन बार राष्ट्र गान चला वीसी ने छुड़ाई जान
चारों तरफ सीनेटरों से खुद को घिरते देख वीसी ने सातवें एजेंडे पर ही राष्ट्र गान करवा दिया। सीनेटर आपस में भिड़े हुए थे जिसके चलते उन्होंने अचानक शुरू हुए राष्ट्र गान को नहीं सुना।
By Edited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 08:19 PM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 04:25 PM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पीयू सीनेट की बैठक में वीरवार को पूरा दिन बहस और खींचतान में होती रही। शाम को खींचतान इतनी बढ़ गई कि वाइस चांसलर को राष्ट्र गान करवा जान छुड़ानी पड़ी। बैठक में दस एजेंडों को पेश किया गया था। जिसमें से सातवां एंजेडा डीएसडब्ल्यू को एक्सटेंशन देने का था। तीन घंटे की बहस के बाद जब वीसी ने अपना कड़ा रुख कायम रखते हुए डीएसडब्ल्यू को एक्सटेंशन देने से इन्कार कर दिया तो सीनेटर चिल्लाते हुए वीसी चेयर के आगे तक आ गए। चारों तरफ सीनेटरों से खुद को घिरते देख वीसी ने सातवें एजेंडे पर ही राष्ट्र गान करवा दिया। सीनेटर आपस में भिड़े हुए थे जिसके चलते उन्होंने अचानक शुरू हुए राष्ट्र गान को नहीं सुना। आधी लाइन का राष्ट्र गान होने के बाद उसे बंद करना पड़ा। उसके बाद दोबारा से राष्ट्र गान शुरू किया गया लेकिन वह भी पूरा नहीं हो सका। सीनेटरों ने अपनी जिद्द नहीं छोड़ी जिसके कारण तीसरी बार वीसी ने किसी की नहीं सुनी और राष्ट्र गान को पूरा कराया।
नियमों को तोड़ वीसी ने किए फैसले, 48 सीनेटरों ने किया जमकर बवाल
पंजाब यूनिवर्सिटी में दो मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें सबसे पहले एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो. नवदीप शर्मा को एक्सटेंशन देनी थी। इस मामले पर चंद सीनेटरों ने लीगल ओपिनियन लेने की मांग की। जिसके बाद उसे लीगल ओपिनियन के लिए छोड़ दिया गया। वहीं, दूसरा मामला डीएसडब्ल्यू का था। दोनों ही मामलों में दो गुट बने थे। जिसमें 48 सीनेटर एक्सटेंशन देने के पक्ष में थे और 26 सीनेटर विपक्ष में थे। बैठक में पंजाब यूनिवर्सिटी के कैलेंडर का उल्लंघन करते हुए दोनों ही मुद्दों को वीसी ने अपने तरीके से पास कर दिया। हालांकि नियम के अनुसार किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बनने पर वोटिंग होती है। ज्यादातर सीनेटर वीसी के फैसले के विरोध में थे जिसके चलते वोटिंग नहीं हुई और धक्के से दोनों ही एजेंडों को वीसी ने अपने तरीके से पास कर दिया। पूरी बैठक में प्रो. नवदीप शर्मा, डॉ. इम्मेनुअल नाहर, प्रो. नीना कपलाश और प्रो. रंजन पर ही चर्चा होती रही। स्टूडेंट्स और टीचर्स हित के एजेंडे की सीनेट में चर्चा नहीं सकी।
जब अनुच्छेद 370 खत्म हो सकता है तो पीयू कैलेंडर के नियम क्यों नहीं : सोमप्रकाश
सीनेट बैठक में चांसलर एम वेंकैया नायडू द्वारा नियुक्त किए गए सीनेटर केंद्रीय राज्यमंत्री सोमप्रकाश मौजूद रहे। प्रो. नवदीप शर्मा और डीएसडब्ल्यू के विरोध में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब अनुच्छेद 370 खत्म हो सकता है तो पीयू कैलेंडर के नियमों को भी बदला जा सकता है। पीयू कैलेंडर को देखकर अब सीनेट नहीं चलेगी। जो सही होगा, वही सीनेट की तरफ से किया जाएगा।
यह पंजाब है, कश्मीर समझने की न हो भूल
केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की बात का जवाब देते हुए सीनेटर प्रो. संदीप सीकरी ने कहा कि यह पंजाब है, यहां पर जम्मू-कश्मीर जैसी हुकूमत चलाने की गलती न करें। उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी है जोकि नियमों पर चलती है। यदि कोई इसके नियमों से छेड़छाड़ करेगा तो बुद्धिजीवी वर्ग उसे माफ नहीं करेगा और पंजाब को कभी भी कश्मीर नहीं बनने दिया जाएगा।
नियमों को तोड़ वीसी ने किए फैसले, 48 सीनेटरों ने किया जमकर बवाल
पंजाब यूनिवर्सिटी में दो मुद्दों पर चर्चा हुई। जिसमें सबसे पहले एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो. नवदीप शर्मा को एक्सटेंशन देनी थी। इस मामले पर चंद सीनेटरों ने लीगल ओपिनियन लेने की मांग की। जिसके बाद उसे लीगल ओपिनियन के लिए छोड़ दिया गया। वहीं, दूसरा मामला डीएसडब्ल्यू का था। दोनों ही मामलों में दो गुट बने थे। जिसमें 48 सीनेटर एक्सटेंशन देने के पक्ष में थे और 26 सीनेटर विपक्ष में थे। बैठक में पंजाब यूनिवर्सिटी के कैलेंडर का उल्लंघन करते हुए दोनों ही मुद्दों को वीसी ने अपने तरीके से पास कर दिया। हालांकि नियम के अनुसार किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बनने पर वोटिंग होती है। ज्यादातर सीनेटर वीसी के फैसले के विरोध में थे जिसके चलते वोटिंग नहीं हुई और धक्के से दोनों ही एजेंडों को वीसी ने अपने तरीके से पास कर दिया। पूरी बैठक में प्रो. नवदीप शर्मा, डॉ. इम्मेनुअल नाहर, प्रो. नीना कपलाश और प्रो. रंजन पर ही चर्चा होती रही। स्टूडेंट्स और टीचर्स हित के एजेंडे की सीनेट में चर्चा नहीं सकी।
जब अनुच्छेद 370 खत्म हो सकता है तो पीयू कैलेंडर के नियम क्यों नहीं : सोमप्रकाश
सीनेट बैठक में चांसलर एम वेंकैया नायडू द्वारा नियुक्त किए गए सीनेटर केंद्रीय राज्यमंत्री सोमप्रकाश मौजूद रहे। प्रो. नवदीप शर्मा और डीएसडब्ल्यू के विरोध में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब अनुच्छेद 370 खत्म हो सकता है तो पीयू कैलेंडर के नियमों को भी बदला जा सकता है। पीयू कैलेंडर को देखकर अब सीनेट नहीं चलेगी। जो सही होगा, वही सीनेट की तरफ से किया जाएगा।
यह पंजाब है, कश्मीर समझने की न हो भूल
केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की बात का जवाब देते हुए सीनेटर प्रो. संदीप सीकरी ने कहा कि यह पंजाब है, यहां पर जम्मू-कश्मीर जैसी हुकूमत चलाने की गलती न करें। उन्होंने कहा कि यह यूनिवर्सिटी है जोकि नियमों पर चलती है। यदि कोई इसके नियमों से छेड़छाड़ करेगा तो बुद्धिजीवी वर्ग उसे माफ नहीं करेगा और पंजाब को कभी भी कश्मीर नहीं बनने दिया जाएगा।
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