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पूर्व प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के ड्रीम प्रोजेक्ट पर जमी धूल

पूर्व प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का ड्रीम प्रोजेक्ट रहे एयर फोर्स हेरिटेज सेंटर को उनके जाने के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। जिस प्रोजेक्ट से चंडीगढ़ को नई पहचान मिलने की बात कही गई थी साढ़े चार महीने बाद भी उस पर कोई काम धरातल पर नहीं हुआ।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 08:10 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 08:10 PM (IST)
पूर्व प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के ड्रीम प्रोजेक्ट पर जमी धूल
पूर्व प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के ड्रीम प्रोजेक्ट पर जमी धूल

बलवान करिवाल, चंडीगढ़

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पूर्व प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का ड्रीम प्रोजेक्ट रहे एयर फोर्स हेरिटेज सेंटर को उनके जाने के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। जिस प्रोजेक्ट से चंडीगढ़ को नई पहचान मिलने की बात कही गई थी साढ़े चार महीने बाद भी उस पर कोई काम धरातल पर नहीं हुआ। सेक्टर-18 स्थिति गवर्नमेंट प्रेस की हेरिटेज बिल्डिग में ऐयर फोर्स सेंटर बनना है। यह सेंटर बनाने के लिए यूटी प्रशासन और एयर फोर्स के बीच 27 अगस्त 2021 को एमओयू हुआ था। एमओयू के साढ़े चार महीने बाद भी यहां कुछ होता नजर नहीं आ रहा। जबकि फरवरी 2022 में इस सेंटर को शुरू किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। बिल्डिग के जिस बड़े हॉल में एमओयू हुआ था अब उसमें गंदगी धूल मिट्टी की परतें जम गई हैं। दैनिक जागरण ने वीरवार को इस प्रोजेक्ट का जायजा लिया। उम्मीद से बिल्कुल उलट तस्वीर नजर आई। जबकि संभावना काम तेजी से पूरा होकर शुरू होने की थी। बदनौर ने प्रोजेक्ट में रूचि लेते हुए खुद डिफेंस मिनिस्ट्री से लेकर एमएचए तक मामले को टेकअप किया था। जितनी तेजी से उन्होंने यह सब कराया अब प्रशासन के अधिकारी उतनी ही देरी कर इस प्रोजेक्ट को डंप करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। खुद चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी एमओयू के वक्त मौजूद रहे थे। बिल्डिग की रेनोवेशन का काम होने के बाद बात आगे नहीं बढ़ी। कोरोना ने कई प्रोजेक्ट की रोकी रफ्तार

कोरोना संक्रमण भी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की रफ्तार रोक रहा है। कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें काफी देरी हो चुकी है। एयर फोर्स सेंटर में भी अब देरी हो रही है। प्रशासन की सेक्रेटेरिएट की नई बिल्डिग और चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड की बिल्डिग का कंस्ट्रक्शन वर्क पूरा नहीं हो पाया। इसमें पहले ही काफी देरी हो चुकी है। सेंटर में फ्लाइट सिम्युलेटर भी बनेगा

म्यूजियम में एयर फोर्स के प्लेन के मॉडल और हथियार प्रदर्शित किए जाएंगे। जंगी जहाज तैनात होंगे। सबसे बड़ा आकर्षण फ्लाइट सिम्युलेटर होगा। यह सिम्युलेटर विजिटर्स को वायु सेना के फाइटर प्लेन में बैठने का अनुभव कराएगा। ऐसा लगेगा जैसे वह खुद फाइटर प्लेन में बैठे हैं। इसका कॉकपिट भी होगा। एयर फोर्स में करियर की मिलनी है जानकारी

इस म्यूजियम का उद्देश्य केवल एंटरटेनमेंट नहीं होगा। बल्कि यह एयर फोर्स की ताकत, कार्य और इसे ज्वाइन करने की जानकारी भी समेटे हुए होगा। युवाओं का रूझान एयर फोर्स के प्रति बढ़ाना भी इसका उद्देश्य रहेगा। बच्चों को इससे प्रेरणा मिलेगी। एयर फोर्स के विभिन्न ऑप्रेशन और बारीकियों से अवगत कराया जाएगा। एयर फोर्स में करियर की जानकारी भी मिलेगी।

पहले प्रशासन खुद बनाना चाहता था म्यूजियम

गवर्नमेंट प्रेस बंद करने के बाद इस हेरिटेज बिल्डिग में पहले विटेज कार म्यूजियम बनाया जाना था। कई बार टेंडर के बाद भी किसी कंपनी ने यह म्यूजियम चलाने में रूचि नहीं दिखाई। प्रशासन ने इसका साढ़े चार लाख रुपये मासिक रेंट रखा था। जब कोई एजेंसी नहीं आई तो एयर फोर्स ने संपर्क करने पर एयर फोर्स सेंटर बनाने के लिए एमओयू किया।


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