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दिवाली के बाद गरमाएगी BJP की राजनीति, अध्यक्ष और मेयर के दावेदारों में होगी लॉबिंग

भाजपा के चारों जिला अध्यक्ष भी बदल रहे हैं। 15 नवंबर तक नए जिला अध्यक्षों के चुनाव हो जाएंगे। इस समय भाजपा में संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं।

By Edited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 05:59 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 10:02 AM (IST)
दिवाली के बाद गरमाएगी BJP की राजनीति, अध्यक्ष और मेयर के दावेदारों में होगी लॉबिंग
दिवाली के बाद गरमाएगी BJP की राजनीति, अध्यक्ष और मेयर के दावेदारों में होगी लॉबिंग

चंडीगढ़, जेएनएन। दिवाली के बाद नवंबर में चंडीगढ़ भाजपा की राजनीति गरमाएगी। एक तरफ जहां भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए नेताओं में होड़ शुरू हो जाएगी, वहीं, दूसरी ओर मेयर का उम्मीदवार बनने के लिए महिला दावेदार अपनी जोर आजमाइश शुरू कर देंगी। लेकिन नया मेयर बनने से पहले भाजपा का नया अध्यक्ष तय हो जाएगा। ऐसे में वर्तमान अध्यक्ष संजय टंडन का नवंबर या दिसंबर के पहले सप्ताह में अध्यक्ष पद से हटना तय है। संजय टंडन दस साल से अध्यक्ष कुर्सी पर विराजमान हैं। जबकि मेयर का चुनाव जनवरी माह के पहले सप्ताह में होगा। अगले साल का मेयर का पद महिला पार्षद के लिए रिजर्व है।

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15 तक सभी जिलाध्यक्षों के होंगे चुनाव

भाजपा के चारों जिला अध्यक्ष भी बदल रहे हैं। 15 नवंबर तक नए जिला अध्यक्षों के चुनाव हो जाएंगे। इस समय भाजपा में संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में भाजपा की पूरी टीम का गठन नए सिरे से दिसंबर माह तक हो जाएगा। नया चुना गया अध्यक्ष दिसंबर माह के अंत तक ही अपनी प्रदेश कार्यकारिणी का गठन कर लेगा। मालूम हो कि इस समय चंडीगढ़ भाजपा में टंडन, सांसद खेर और पूर्व सांसद सत्यपाल जैन का गुट है। ऐसे में यह तीनों गुट चाहते हैं कि उनकी पंसद का ही नया अध्यक्ष और मेयर का उम्मीदवार बने। यह गुट प्रदेश अध्यक्ष और मेयर दोनों पर कब्जा करके अपनी मजबूती कायम रखना चाहते हैं।

जो बनेगा उम्मीदवार, उसका मेयर बनना तय

भाजपा जिस महिला पार्षद को उम्मीदवार बनाएगी, उसका मेयर बनना तय है। क्योंकि भाजपा के पास चुनाव जीतने के आंकड़े से ज्यादा पार्षद हैं। इस समय नगर निगम में कुल 26 पार्षद हैं जिनमें भाजपा-अकाली दल के 21 पार्षद हैं। कांग्रेस को पता है कि वह पांच पार्षदों के दम पर चुनाव नहीं जीत सकती लेकिन वह चुनाव में अपना उम्मीदवार जरूर उतारेंगे। कांग्रेस में गुरबख्श रावत और रविंदर कौर गुजराल में किसी एक को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। भाजपा में उम्मीदवार बनने के लिए इनमें है टक्कर भाजपा में इस समय तीन महिला पार्षद प्रबल दावेदार हैं जिनमें राजबाला मलिक, हीरा नेगी और सुनीता धवन का नाम शामिल है। इनमें सिर्फ राजबाला मलिक साल 2012 में मेयर रह चुकी हैं। जबकि हीरा नेगी को पार्टी 2015 में मेयर पद का उम्मीदवार बना चुकी है। लेकिन भाजपा के अपने पार्षदों की क्रास वोटिंग के कारण वह चुनाव नहीं जीत सकी थी। जबकि सुनीता धवन पहली बार पार्षद का चुनाव जीतकर नगर निगम आई हैं।

राजबाला मलिक और हीरा नेगी दोनों दूसरी बार पार्षद बनी हैं। सुनीता धवन के लिए टंडन गुट लॉ¨बग कर रहा है जबकि राजबाला मलिक और हीरा नेगी सांसद किरण खेर की करीबी हैं। नए प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए यह हैं दावेदार नए अध्यक्ष पद के लिए पूर्व मेयर आशा जसवाल, अरुण सूद, देवेश मोदगिल, चंद्रशेखर, रामवीर भट्टी, सतिंदर सिंह और शक्तिदेव शाली को दावेदार माना जा रहा है। सतिंदर सिंह संघ नेताओं के भी करीबी हैं।

हाईकमान चाहता है कि 50 साल से कम आयु के नेता को नया अध्यक्ष बनाया जाए। नए अध्यक्ष के लिए हाईकमान की ओर से स्थानीय संघ नेताओं की भी राय ली जा रही है। 15 नवंबर तक सभी जिला अध्यक्षों का चुनाव हो जाएगा। जबकि प्रदेश अध्यक्ष हाईकमान की ओर से तय किया जाएगा। उम्म्मीद है कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक नए अध्यक्ष का नाम तय हो जाए। -प्रेम कौशिक, प्रदेश चुनाव अधिकारी।


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