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चंडीगढ़ में कांग्रेस के बाद अब भाजपा पार्षद भी बोले, फिजिकल तौर पर बुलाई जाए नगर निगम की बैठक

भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने शहर के मुद्दों पर अपनी पार्टी पार्षदों के साथ बैठक की थी जिसमें सभी पार्षदों ने कहा कि वर्चुअल सदन की बैठक ना बुलाई जाए। भाजपा पार्षदों का कहना है कि वर्चुअल बैठक होने से वह प्रभावशाली ढंग से बात नहीं कर पाते हैं।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 09:44 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 09:44 AM (IST)
चंडीगढ़ में कांग्रेस के बाद अब भाजपा पार्षद भी बोले, फिजिकल तौर पर बुलाई जाए नगर निगम की बैठक
कोरोना के कारण मार्च माह से लेकर अब तक सभी बैठकें निगम की ओर से ऑनलाइन ही की गई हैं।

चंडीगढ़, जेएनएन। कांग्रेस के बाद अब भाजपा पार्षद भी चाहते हैं कि इस माह होने वाली सदन की बैठक फिजिकल तौर पर नगर निगम में ही बुलाई जाए।  पार्षदों का कहना है कि अगर विधानसभा और लोकसभा फिजिकल तौर पर बुलाई जा सकती है तो नगर निगम की सदन की बैठक क्यों नहीं। यह मुद्दा मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद द्वारा गठित कमेटी द्वारा भी मेयर के समक्ष उठाया जाएगा।

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सोमवार शाम भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने शहर के अलग-अलग मुद्दों पर अपनी पार्टी पार्षदों के साथ बैठक की थी, जिसमें सभी पार्षदों ने कहा कि वर्चुअल सदन की बैठक ना बुलाई जाए। मालूम हो कि इस साल कोरोना के कारण मार्च माह से लेकर अब तक सभी बैठकें निगम की ओर से ऑनलाइन ही की गई हैं।  भाजपा पार्षदों का कहना है कि वर्चुअल बैठक होने से कई बार पार्षद अपनी बात प्रभावशाली ढंग से नहीं कर पाते हैं।

इस बैठक में वित्तीय संकट होने के कारण शहर के हर वार्ड के काम रूकने का मामला भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद के समक्ष पार्टी पार्षदों ने उठाया। पार्षदों ने कहा कि ऐसे हालात इससे पहले कभी नहीं हुए।सूद ने पार्षदों ने उनके वार्ड की प्राथमिकता पूछी जिस पर पार्षदों ने कहा कि हर वार्ड के लिए दो दो करोड़ रुपये की राशि मिल जाए तो काम चल जाएगा। पार्षदों ने इस बारे में प्रशासक वीपी सिंह बदनोर से बात करने के लिए कहा।भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि वह शहर के प्राथमिकता के आधार पर होने वाले कामों को लेकर जल्द ही गवर्नर हाउस जाकर प्रशासक के साथ बैठक करेंगे।

मालूम हो कि इस समय वार्ड डवलेपमेंट फंड से होने वाले काम भी रोक दिए गए हैं। हर पार्षद को हर साल 80 लाख रुपये का फंड मिलता है। लेकिन इस बार कोरोना के कारण फंड न होनेे पर नहीं मिला है। बैठक में मेयर राजबाला मलिक, पार्षद गुरप्रीत ढिल्लो और दलीप शर्मा को छोड़कर सभी पार्षद बैठक में मौजूद रहे।

कमेटी में सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा, डिप्टी मेयर जगतार जग्गा, पूर्व मेयर राजेश कालिया, देवेश मोदगिल और आशा जसवाल शामिल है। मालूम हो कि इस साल मार्च माह से लेकर अब तक वर्चुअल ही बैठक हो रही है।कांग्रेस पार्षद भी फिजिकल सदन की बैठक बुलाने की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में कांग्रेस पार्षद दल के नेता दविंदर सिंह बबला और सतीश कैथ कमिश्नर मेयर और सलाहकार को लिखित में पत्र भी लिख चुके हैं।

बढ़े हुए पानी के रेट हो कम

बैठक में पार्षदों ने कहा कि जो प्रशासन ने पानी के रेट बढ़ाने की अधिसूचना जारी की है वह रिवाइज होने चाहिए। पार्षदों ने कहा कि जो 60 किलो लीटर से ज्यादा पानी यूज करने की स्लैब है उसका रेट काफी ज्यादा बढ़ा दी गई है। जबकि पार्षद शक्तिदेव शाली के नेतृत्व में जाे कमेटी ने रेट दिए थे उसमे कम थे। इसलिए रेट कम होने चाहिए। बैठक में सेक्टर-22 के एक वेंडर की ओर से की गई खुदकुशी का मामला भी गरमाया। पार्षदों ने कहा कि सेक्टर-22 में 107 वेंडर्स को साइट अलॉट की गई लेकिन पांच वेंडर्स ऐसे है जिनसे अब तक लाइसेंस  फीस ली जा रही है लेकिन उन्हें बिजली के पोल बीच में आने के कारण जगह अलॉट नहीं की जा रही है। पार्षदों ने कहा कि बाकी बचे पांच वेंडर्स को भी साइट अलॉट होनी चाहिए। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने बताया कि जिस वेंडर्स ने सुसाइड किया है उस मामले के बारे में उन्हाेंने प्रशासक से भी बात की थी।


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