दो अगस्त के बाद स्कूल आएंगे बोर्ड कक्षाओं के पूरे स्टूडेंट्स
कोरोना के धीमे प्रसार को देखते हुए दो अगस्त के बाद शहर के स्कूलों में बोर्ड क्लास दसवीं और 12वीं कक्षा के पूरे स्टूडेंट्स स्कूल बुलाने का फैसला लिया गया है। यह फैसला शुक्रवार को हुई प्रिंसिपल की बैठक में लिया गया है।
-शुक्रवार को डीईओ की प्रिसिपल के साथ बैठक में स्कूल खोलने पर हुई चर्चा
-स्लम एरिया में 60 से 70 फीसद जबकि सेक्टर के 10 से 15 फीसद स्टूडेंटस आ रहे हैं स्कूल
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सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़
कोरोना के धीमे प्रसार को देखते हुए दो अगस्त के बाद शहर के स्कूलों में बोर्ड क्लास दसवीं और 12वीं कक्षा के पूरे स्टूडेंट्स स्कूल बुलाने का फैसला लिया गया है। यह फैसला शुक्रवार को हुई प्रिंसिपल की बैठक में लिया गया है।
बैठक में मुख्य रूप से यह मुद्दा उठा कि शहर के स्लम एरिया के स्कूलों में स्टूडेंट्स 70 फीसद से ज्यादा आ रहे है जबकि सेक्टर में स्थित स्कूलों में दस से 15 फीसद स्टूडेंट्स ही आ रहे हैं, जिसके चलते सिलेबस कवर कराने में परेशानी आ सकती है। इसी को देखते हुए अगस्त के पहले सप्ताह से दोनों बोर्ड कक्षाओं के पूरे स्टूडेंट्स को बुलाने पर चर्चा हुई, हालांकि स्टूडेंट्स को रोटेशन में स्कूल में बुलवाने का प्रस्ताव प्रिंसिपल द्वारा रखा गया है ताकि शारीरिक दूरी का पूरा पालन हो सके।
प्राइमरी विग को छोड़कर 16 के बाद स्कूल आ सकेंगे स्टूडेंट्स
बोर्ड कक्षाओं अलावा स्कूलों में पढ़ाई कर रहे दूसरी क्लासेों पर भी चर्चा की गई, जिसमें प्राइमरी विग को छोड़कर 16 अगस्त के बाद छठी, सातवीं, आठवीं क्लास के स्टूडेंट्स को जरूरत के अनुसार स्कूल आने की अनुमति पर चर्चा हुई। स्कूल प्रिसिपल के अनुसार यदि छठी से आठवीं कक्षा के स्टूडेंट्स स्कूल आकर ठीक से पढ़ाई नहीं करते तो उनके लिए आगे की पढ़ाई मुश्किल हो सकती है। इसके अलावा एमएचआरडी द्वारा जारी डिजिटल लिटरेसी प्रोजेक्ट पूरा करने में भी परेशानी आ सकती है। ऐसे में बेहतर है कि दस साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को जरूरत के अनुसार स्कूल आने की अनुमति दी जाए।