डिलीवरी के बाद पेट में रहता था दर्द, 23 साल बाद पता चला डॉक्टर ने निकाल ली थी किडनी
चंडीगढ़ की एक महिला को आॅपरेशन से बच्चे को जन्म देेने के बाद पेट में दर्द रहता था। काफी इलाज के बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ। 23 बाद पता चला कि डॉक्टरों ने उसकी एक किडनी निकाल ली थी।
जेएनएन, चंडीगढ़। एक महिला को 1994 में डिस्पेंसरी में सिजेरियन (ऑपरेशन से) बच्चे को जन्म दिया था। इसके बाद से उसे लगातार पेट में दर्द रहता था। उसने काफी इलाज कराया, लेकिन राहत नहीं मिली। अब 23 साल बाद चिकित्सा जांच में पता चला कि उसकी किडनी निकाल ली गई है। महिला ने अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाई है और किडनी निकालने वाले डाॅक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
महिला ने कहा है कि वह पिछले 23 साल से असाध्य दर्द को सह रही है। उसने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि 1994 में उसकी डिलीवरी मनीमाजरा की डिस्पेंसरी में हुई थी। उसकी डिलीवरी सिजेरियन से हुआ था। इसके बाद वह घर आ गई। कुछ दिन बाद से उसके पेट में दर्द रहने लगा।
महिला ने बताया कि उसने इस दौरान काफी इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और दर्द से निजात नहीं मिली। उसकी बीमारी से परिवार वाले भी काफी परेशान रहे। अब पता चला कि उसकी किडनी निकाल ली गई है। उसने हाई कोर्ट से मांग की है कि उसकी किडनी निकालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
महिला ने मांग की है कि इतने लंबे समय तक दर्द सहने के लिए उसे 25 लाख रुपये का मुआवजा दिलवाया जाए। हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यूटी प्रशासन, एसएसपी व मनीमाजरा के एसएचओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न इस मामले में पुलिस जांच करवाई जाए।
अल्ट्रासाउंड से पता चला सच
महिला ने बताया कि काफी इलाज कराने के बाद भी जब उसे दर्द से राहत नहीं मिली तो उसने पिछले दिनों पंचकूला के एक अस्पताल में दिखाया। वहां अल्ट्रासाउंड करवाया गया तो पता चला कि उसकी एक किडनी ही गायब है। महिला ने कहा कि उनका इससे पहले और बाद में कोई ऑपरेशन नहीं हुआ। ऐसे में कहीं और किडनी निकालने की कोई संभावना ही नहीं बनती।