रात 10 बजे के बाद कोई बाहर दिखा तो होगी कार्रवाई
उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण के लिय कोरोना कर्फ्यू को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण के लिय कोरोना कर्फ्यू को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। अब जिला में रात 10 से सुबह 5 बजे तक सभी गैर जरूरी गतिविधियों के लिए व्यक्तियों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि उक्त समय के दौरान कोई भी व्यक्ति अपने घरों को नहीं छोड़ेगा या किसी भी सड़क या सार्वजनिक स्थानों पर पैदल या वाहन और यात्रा या घूमने नहीं जाएगा।
उन्होंने बताया कि इन निम्नलिखित व्यक्तियों और सेवाओं के आवागमन को छूट दी जाएगी, जो कानून और व्यवस्था/आपात स्थिति और नगरपालिका सेवाओं/कर्तव्यों के साथ काम करते हैं। जिनमें कार्यकारी मजिस्ट्रेट, पुलिस कर्मी, वर्दीधारी सैन्य/सीएपीएफ, स्वास्थ्य, बिजली, अग्निशमन, मान्यता प्राप्त पत्रकार और सरकारी मशीनरी के कर्मियों को कोविड-19 संबंधित कर्तव्यों (सभी पहचान पत्र के प्रस्तुत करने पर) के लिए छूट होगी। आवश्यक वस्तुओं के निर्माण पर कोई अंकुश नहीं होगा। आवश्यक और गैर आवश्यक सामानों की आवाजाही ( इंटर स्टेट) पर भी कोई प्रतिबंध नहीं होगा। सभी वाहनों/ व्यक्तियों को बोनाफाइड ट्रांजिट (इंटर स्टेट) को पास करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन केवल मूल और गंतव्य के बिदु के सत्यापन के उपरांत ये अनुमति होगी। इसी प्रकार अस्पताल, पशु चिकित्सा अस्पताल और सभी संबंधित चिकित्सा प्रतिष्ठान, जिनमें उनकी विनिर्माण और वितरण इकाइयां शामिल हैं, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में, जैसे औषधालय, फार्मासिस्ट (जनऔषधि केंद्र सहित) और चिकित्सा उपकरण की दुकानें, प्रयोगशालाएं, फार्मास्युटिकल रिसर्च लैब, क्लीनिक, नर्सिग होम, एंबुलेंस आदि खुले रहेंगे। सभी चिकित्सा कर्मियों, नर्सो, पैरा-मेडिकल कर्मचारियों, अन्य अस्पताल सहायता सेवाओं के परिवहन की अनुमति होगी।
उन्होंने बताया कि जहां कहीं भी उपयुक्त रोकथाम उपायों के अपवादों की अनुमति दी गई है, संगठनों/ नियोक्ताओं को कोविड-19 वायरस के खिलाफ आवश्यक सावधानी के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों जैसे सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग व सेनिटाइजर का प्रयोग सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने बताया कि इन रोकथाम के उपायों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों और आइपीसी की धारा 188 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी।