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एडवाइजर साहब यहां कोई मास्टर प्लान और बिल्डिग प्लान लागू नहीं

प्रशासन के अफसरों ने ही शहर के मास्टर प्लान और बिल्डिग बायलॉज को ताक पर रख दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 11:28 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 11:28 PM (IST)
एडवाइजर साहब यहां कोई मास्टर प्लान और बिल्डिग प्लान लागू नहीं
एडवाइजर साहब यहां कोई मास्टर प्लान और बिल्डिग प्लान लागू नहीं

विशाल पाठक, चंडीगढ़

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प्रशासन के अफसरों ने ही शहर के मास्टर प्लान और बिल्डिग बायलॉज को ताक पर रख दिया है। प्रशासन के अफसरों की मेहरबानी से सेक्टर-7 और 26 के शोरूम की बैक साइड पर 50 से अधिक डिस्क और बीयर बार खुल गए हैं। इस इलाके में प्रशासन का कोई बिल्डिग का बायलॉज यहां लागू नहीं होता। शहर के मास्टर प्लान और बिल्डिग बायलॉज की दुहाई देने वाले अफसरों की आंखों पर पट्टी बंधी हुई है। हालत यह है कि बिना बिल्डिग प्लान अप्रूवल के धड़ल्ले से अवैध निर्माण चल रहे हैं। प्रशासन के बिल्डिग बायलॉज के अनुसार कोई भी व्यक्ति बिना प्लान अप्रूवल के कोई भी निर्माण नहीं कर सकता, लेकिन सेक्टर-7 और 26 के शोरूम की बैक साइड पर अवैध निर्माण तेजी से हो रहे हैं। शहर के अन्य इलाकों में मिस यूज और वायलेशन के नोटिस देने वाली प्रशासन के अफसरों ने इसे नजरअंदाज किया हुआ है।

बिल्डिग बायलॉज का उल्लंघन

इन डिस्क और बियर बार की एंट्री भी बैक साइड से की गई है। प्रशासन ने अलॉटमेंट रूल्स के अनुसार सेक्टर-7 और 26 के शोरूम की बैक साइड सिर्फ गोदाम बनाए जा सकते हैं। यहां कोई पर्मानेंट स्ट्रक्चर खड़ा नहीं किया जा सकता, लेकिन अवैध रूप से बन रहे डिस्क और बीयर बार में न केवल बिल्डिग बायलॉज का उल्लंघन किया जा रहा है, बल्कि कई अवैध गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। कई आपराधिक घटनाएं भी यहां हो चुकी हैं। बिल्डिग ब्रांच और एक्साइज डिपार्टमेंट की मेहरबानी

नियमों अनुसार यहां किसी भी कंस्ट्रक्शन की परमिशन नहीं दी जाती है। यहां तक कि बिना बिल्डिग प्लान अप्रूवल के फायर की एनओसी और लिकर का परमिट भी जारी नहीं किया जाता, लेकिन एस्टेट आफिस के बिल्डिग ब्रांच और एक्साइज डिपार्टमेंट के अफसरों की मेहरबानी से यहां हर पांच से छह महीने में एक नया क्लब और डिस्कोथेक खुल जाता है। मध्यमार्ग के सेक्टर-26 और 7 का ये एसडीओ देखते हैं बिल्डिग बायलाज का काम

मध्यमार्ग पर सेक्टर-26 और 7 की बैकसाइड पर बिल्डिग बायलॉज के नियमों को ताक पर रखकर जो अवैध निर्माण हो रहे हैं, उसे रोकने की जिम्मेदारी एसडीओ अमित गुप्ता और एसडीओ विमल जोशी की है। बड़ी बात यह है कि अफसरों की शह पर यहां सभी नियमों को ताक पर रखकर शोरूम के बैक साइड में बड़े-बड़े डिस्कोथेक, नाइट क्लब और बीयर बार खोले जा रहे हैं। ये अफसर हैं जिम्मेदार

-ईस्ट डिविजन का अतिरिक्त चार्ज एसडीओ अमित गुप्ता और एसडीओ विमल जोशी को

-एसडीओ साउथ विमल जोशी

एसडीओ सेंट्रल अमित गुप्ता ये हैं बिल्डिग बायलॉज के नियम जिनकी जमकर उड़ रही धज्जियां

-शोरूम के बैकसाइड सिर्फ गोदाम या सर्विस से जुड़ा कार्य कर सकते हैं, लेकिन यहां शोरूम के पिछले हिस्से को तोड़कर पक्की कंस्ट्रक्शन की जा रही है।

-शोरूम की बैक साइड में सिफ ग्राउंड फ्लोर पर कोई काम किया जा सकता है, लेकिन यहां शोरूम की बैक साइड को तोड़कर पहली मंजिल बनाई जा रही है।

-शोरूम के बैक साइड की छत को कवर नहीं किया जा सकता, लेकिन यहां पक्की कंस्ट्रक्शन कर डिस्कोथेक और नाइट क्लब बनाकर पक्की छत डाली जा रही है।

-बैक साइड पर कोई भी क्लब या डिस्कोथेक नहीं खुल सकता, लेकिन यहां दो शोरूमों को जोड़कर क्लब बनाए जा रहे हैं।

कोट्स-

मुझे इस मामले के बारे में जानकारी नहीं है, अगर ऐसा कोई अवैध निर्माण हो रहा है। मैं तत्काल ही इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करूंगा, मैं अपनी टीम को इस बारे में जल्द जांच कर रिपोर्ट देने को कहूंगा।

-विनय प्रताप सिंह, डीसी, चंडीगढ़।


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